रात में
रास्ते को खुलवाने के लिए पहुंचा प्रशासन
रायला रेलवे स्टेशन खेड़ा गांव में दिनांक 8 मई को गंगाधर राव के मकान का रास्ता व पानी के निकास को रातों-रात बंद कर देने व पुलिस में शिकायत होने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने की जानकारी करणी सेना के सदस्यों को मिलने पर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराए जाने की मांग किए जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ गई। जल्दी जबकि रायला थाना पुलिस की नींद नहीं खुली। पीड़ितों की शिकायतों के बावजूद रास्ते को नहीं खुलवाया।
पीड़ितों द्वारा विरोध करने पर रास्ता बंद कर देने के पड़ोसी आरोपी रामेश्वर लाल तेली एवं अन्य ने जानलेवा हमला कर दिया जिसमें पीड़ित परिवार के मां बेटा बहू और पिता गंभीर घायल हो गए जिन का इलाज महात्मा गांधी चिकित्सालय में कराया गया।
गंगाधर राव की पत्नी के सिर में चोट लगने पर गंभीर अवस्था में उदयपुर रेफर कर दिया गया था जहां पर इलाज जारी है लेकिन उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इधर करनी सेना के पदाधिकारियों एवं ग्राम वासियों के द्वारा जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक उपखंड अधिकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को रपट दी थी लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद ग्राम वासियों के प्रदर्शन से जिला प्रशासन में जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिला कलेक्टर ने त्वरित एक्शन लेते हुए बंद रास्ते को खुलवाने के आदेश जारी किए। बंद रास्ते को हटाने के आदेश आने के बाद राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया। तथा जो दीवार 5 दिन पूर्व रात में खड़ी हुई थी उसे पुलिस जाब्ता के साथ नायब तहसीलदार गोपाल जीनगर ट्रैक्टर एवं जेसीबी लेकर बंद की गई दीवार को तूंड़वाने पहुंच गए। और रात में करीब 9:00 बजे बाद बंद की गई दीवार को हटा दिया।
पीड़ितों और करणी सेना के पदाधिकारियों का धरना प्रदर्शन रंग लाया और एक रात में चुनी गई दीवार 5 दिन बाद प्रशासन के द्वारा दहा दी गई लेकिन रास्ता बंद करने के आरोपी हमलावर 5 दिन से फरार है। जिसका पुलिस को अब तक पता नहीं लगा।
रावला थाना प्रभारी सुनील चौधरी ने बताया कि मामले की जांच एसआई महावीर सिंह को सौंप रखी ही। आरोपियों की तलाश जारी है।
आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पुलिस के बगैर मिला भक्ति के कोई ठोस कदम उठा सकने की हिम्मत कैसे कर सकता है यह सवाल लोगों के दिमाग में बार-बार उठ रहा है।
लेकिन इसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है।
फिलहाल के लिए पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने अभी तक पुलिस के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है जबकि ऐसे मामलों में पुलिस कर्मियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई हो जाती है।
लेकिन इस मामले में पुलिस के खिलाफ कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप तय कर लाइन हाजिर नहीं किया।