शराब जैसे घातक नशों का त्याग जरूरी है शाकाहारी बने एक दूसरे की निः स्वार्थ भाव से सेवा करे।
महावीर वैष्णव महुआ।मोनु सुरेश छीपा
महुआ । मानव शरीर की प्राप्ति परमात्मा का सबसे बड़ा बरदान है। समय रहते लोक और आत्म कल्याण करायें। चरित्र उत्थान समय की मांग है। शराब जैसे घातक नशों का त्याग जरूरी है। शाकाहारी बनें। एक दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें। यह उद्गार जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी सन्त पंकज महाराज ने नन्दराय, में कृषि उपज मण्डी समिति में आयोजित जयगुरुदेव सत्संग समारोह में व्यक्त किये। जन जागरण यात्रा के यहां पहुंचने पर यहां के ग्राम वासियों ने कलश यात्रा निकालकर स्वागत किया।
सत्संग समारोह में प्रवचन करते हुये संस्था प्रमुख ने कहा सन्तों महात्माओं का सत्संग वह जल है।जिसमें कौवा स्नान करके हंस बनके निकलता है। सत्संग में किसी व्यक्ति विशेष या किसी की निन्दा आलोचना नहीं की जाती, बल्कि भगवान के भजन भक्ति का शौक पैदा किया जाता है। मानव शरीर की प्राप्ति परमात्मा का सबसे बड़ा वरदान है। यह चौरासी लाख योनियों में इसलिए सर्वश्रेष्ठ है कि इसमें प्रभु के पास जाने का रास्ता है।
महाराज ने समाज में बढ़ती हुयी हिंसा, अपराध और शराब व अन्य नशों की बढ़ती हुयी प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि अशुद्ध खानपान के कारण समाज में हिंसा-अपराध व्याप्त है। अच्छे समाज के निर्माण में समाज के शुभचिंतकों के सहयोग की आवश्यकता है।
सबसे पहले आप मानवतावादी बनें, एक-दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें, समाज में मिलजुल कर रहें। मांस-मछली, अण्डा जैसे अशुद्ध आहार का परित्याग करें, शराब व अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन छोड़े। जिस शराब के पीने से आँखों से माँ-बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाती है।
जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के अध्यक्ष ने ‘‘पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पण्डित भया न कोय, ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पण्डित होय’’ को उद्धृत करते हुए कहा ढाई अक्षर का मतलब श आधा ब् और द। वही नाम है जो उस प्रभु के देश से निरन्तर आ रहा है। जिसको सन्तों ने आकाशवाणी, अनदह वाणी, धुर की वाणी, वर्ड या लागस, ताओ कहकर याद किया। हे भाई-बहनों! जब आप सुरत शब्द (नाम योग) की साधना करेंगे तो सन्त सतगुरू की दया से दिव्य दृष्टि खुल जायेगी और आप प्रकाश के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगे। दिव्य कान से आकाशवाणी को सुनकर आपका रोम-रोम पुलकित हो जायेगा और आपका मानव जीवन सफल हो जायेगा। उन्होंने अपने लगभग दो घण्ट में प्रवचन में भारत के सनातन अध्यात्मवाद की गहरी व्याख्या की और साधना का मार्ग भी बताया।
इस अवसर पर बाबूराम यादव संस्था के महामंत्री, आश्रम मथुरा के प्रबंधक सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विजय पाल सिंह, राजस्थान प्रान्त के अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘भोपा जी’, नारायण जाट, घनश्याम शर्मा (जहाजपुर), शंकर लाल अहीर सरपंच, अशोक सेन, शंकर लाल माली, नंदराम, हेमराज जी माली, प्रहलाद। जायसवाल आदि उपस्थित रहे। जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने बताया कि मंगलवार से 5 दिवसीय यात्रा का पड़ाव भीलवाड़ा के निकट पड़ेगा। मंगवार को सत्संग कार्यक्रम भीलवाड़ा के दांथक गांव में होगा।