संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मणिपुर घटनाक्रम के सम्बन्ध में जिला कलेक्टर को सोंपा ज्ञापन
राष्ट्रपति महोदय के नाम भेजा 5 सूत्री मांग पत्र
भीलावड़ा। (पंकज पोरवाल। मोनु सुरेश छीपा) संविधान बचाओ संघर्ष समिति भीलवाड़ा द्वारा
जिला संयोजक मोतीलाल सिंघानिया के नेतृत्व में गुरुवार को मुखर्जी गार्डन में उपस्थित होकर, मणिपुर घटनाक्रम के सम्बन्ध में जिला कलेक्टर महोदय को राष्ट्रपति महोदय के नाम 5 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन दिया गया। संयोजक सिंघानिया ने बताया कि आजाद भारत में मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं घटित हो रही है और इस देश की केंद्र सरकार व राज्य की सरकार मौन होकर बैठी है, देश में तानाशाही व अराजकता का माहौल पैदा हो गया है, जिसको लेकर कई तरह के षड्यंत्र किए जा रहे हैं। मनीपुर की घटना को देश की सरकार द्वारा दबाने का काम किया और इंसानियत शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया। जिसमें महिलाओं को नग्न करके घुमाना एवं अश्लील हरकतें करके, रेप करके मरना गंभीर घटनाक्रम है जिससे पूरा देश शर्मसार है। आदिवासियों की जमीन को छीनने के लिए देश के प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा षड्यंत्र है और उस के माध्यम से यूसीसी का प्रकरण लागू करके मैं मनीपुर में कुकी आदिवासी और मेथीई लोगों के बीच में झगड़ा लगाकर हत्या करने का कुकृत्य किया, जिसके लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार है।जिलाध्यक्ष पंकज डीडवानिया ने बताया कि यह देश को शर्मसार करने वाली घटना है जिससे देश के दोस्त व्याप्त है और यह घटनाक्रम भारत की छवि खराब करने का कारण बना है इस पर सीबीआई जांच बैठाई जाए।
ये है 5 सूत्रीय मांगे
ज्ञापन में मणिपुर मणिपुर घटनाक्रम की जांच सीबीआई से कराई जाने, मणिपुर के सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जाने, राज्य सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाने, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाने व केंद्र सरकार द्वारा यूसीसी कानून को लागू नहीं किये जाने की मांग की गई।
ज्ञापन देने में ये रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में राधेश्याम ऐरवाल, कैलाश देवतवाल, लक्ष्मीकांत हिंडोनिया, सोहन भोजपुरिया, रामेश्वर धोबी, राधेश्याम रेगर ,शंकर मेघवंशी, रामसुख बेरवा, नागजीराम रेगर, अर्जुन रेगर, भेरूलाल भोजपुरिया, और कई संगठन शामिल हुए जिसमें संविधान बचाओ संघर्ष समिति, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, भारतीय युवा मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी छात्रावास संघ, भीम आर्मी, अखिल भारतीय रैगर महासभा सहित कई संगठन शामिल थे।