सत्संग जल जो कोई पावै, मैलाई सब कटि-कटि जावै।’’ – पंकज महाराज
शाहपुरा – परमेश्वर दमामी
जामुनिया श्याम देवनारायण मन्दिर कल्याणपुरा ढिकोला में जयगुरुदेव सत्संग समारोह का आयोजन हुआ। विदित हो कि इस समय जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज 33 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा के साथ लोगों को शाकाहारी-सदाचारी बनाने और चरित्र उत्थान के अभियान में संलग्न हैं। उन्होंने आज यहां कहा कि प्रेमी भाई-बहनों आप भाग्यशाली हैं जो मनुष्य शरीर रूपी मन्दिर में बैठकर सत्संग सुनने का अवसर मिल रहा है। जब जन्मजन्मान्तरों के पुण्य कर्म संचित होते हैं तब बड़े सौभाग्य से ऐसा दुर्लभ समय मिलता है। ‘‘सत्संग जल जो कोई पावै, मैलाई सब कटि-कटि जावै।’’ मनुष्य शरीर हमें क्यों मिला है इसका क्या उद्देश्य है और मरने के बाद हम कहां जायेंगे? हमारे बाल बच्चे कहां जायेंगे। कैसे हमारी जीवात्मा का कल्याण होगा। इन सभी प्रश्नों की जानकारी आपको सत्संग में प्राप्त होती है। जब हम लोग इस संसार में पैदा हुये, न कोई जाति-बिरादरी लेकर आये, न कोई मजहब लेकर आये। न कोई अपना नाम लेकर आये। सिर्फ नंगे रोते हुये हम लोग इस संसार में पैदा हो गये। बाद में जो अजार उस परमपिता परमात्मा ने बक्शे हैं मन, बुद्धि और चित्त, उससे जब हमारे अन्दर चेतना आई तब हमारा नाम पड़ गया। कर्म के अनुसार हमारी जाति बन गई, धीरे-धीरे हमारा फैलाव दुनियां में होता चला गया। जब जाने का समय आया तो फिर आपको यहां से खाली हाथ भेज दिया गया न आपके साथ आपका नाम गया, न आपके साथ आपकी जाति-बिरादरी गई, न आपके साथ जमीन, जायदाद गई। सब कुछ यहीं पर रह गया। इस जीवात्मा को ले जाकर धर्मराज जी की कचहरी में पेश कर दिया जायेगा। पलक झपकते ही अच्छे-बुरे कर्मों को हिसाब हो जायेगा और यह जीवात्मा नर्कों और चौरासी में सजा भोगेगी क्योंकि इस शरीर से प्रभु का भजन, भक्ति नहीं किया जिसका वादा पैदा होने से पहले किया था। इसलिये अपनी जीवात्मा के कल्याण की चिन्ता करें और प्रभु की प्राप्ति करने वाले संत महात्मा फकीर की तलाश करके उनसे भजन, भक्ति का रास्ता लें और जीवन सफल बनायें।
महाराज जी ने प्रभु प्राप्ति के लिये सरल साधना सुरत-शब्द योग (नाम योग) का उपदेश दिया और साधना का तरीका समझाया। समाज में बढ़ती हुई हिंसा, अपराध और शराब व अन्य नशों की बढ़ती हुई प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि सबसे पहले आप मानवतावादी बनें। एक-दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें। समाज में मिल-जुलकर रहें। मांस, मछली, अण्डा जैसे अशुद्ध आहार का त्याग करें। शराब व अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन न करें। जिस शराब के पीने से आंखों से मां, बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाती है उसे पीकर यह कैसे विचार कर सकते हैं कि क्या अच्छा है क्या बुरा है। अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें। यह आपकी बड़ी सेवा होगी।
सन्त पंकज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ0प्र0) में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते है। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व पीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे भी बताया।
सत्संग से पहले मंच पर राजस्थान संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘‘भोपा जी’’, घनश्याम शर्मा (जहाजपुर), मोहन जी जांगीण, देवनारायण पुजारी, मोहन लाल जाट, गणपत खटीक (सरपंच कल्याणपुर), कैलाश जी जाट (पूर्व सरपंच), अशोक चौबे, राजूलाल खटीक, पप्पू जाट, नारायण लाल मीणा, धनाजी कहार, गोपाल पटवारी, गोविन्द उपाध्याय, श्रीमती रुकमणी देवी, अशोक कुमार मीणा, रामस्वरूप मीणा, रामेश्वर मीणा, लाडूराम मीणा, रामकिशन मीणा, श्रीमती चतरू देवी आदि ने पुष्पहार भेंटकर पूज्य महाराज जी का स्वागत किया और कार्यक्रम में मौजूद रहे। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
अगला सत्संग कार्यक्रम कल (आज) आमली बरेठ में तह. फूलिया के अन्तर्गत सायं 3.30 बजे से आयोजित है। जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने निकटवर्ती जनों से सत्संग में भाग लेने की अपील की ।