विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर
सूचना केन्द्र चौराहें पर रंगोली व कैंडल जलाकर एड्स से जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि
एड्स से बचाव के लिए संकोच छोड़कर समय पर जांच व उपचार कराना बेहद जरूरी
मोनू सुरेश छीपा।द वॉयस ऑफ राजस्थान
भीलवाड़ा, 30 नवम्बर। प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को एचआईवी संक्रमण के प्रसार के खिलाफ जन जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में गुरूवार को विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर सूचना केन्द्र चौराहें पर रंगोली व कैंडल लाईट जलाकर पूर्व में एचआईवी संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों को याद किया और श्रद्धांजली अर्पित कर जागरूकता का संदेश दिया गया। एचआईवी/एड्स रोकथाम में युवा वर्ग का बहुत बडा योगदान है। इसी उम्र की सावधानियों से जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस मौके पर विभागीय पदाधिकारी व स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य अपनी सहभागिता निभाकर हाथों में कैंडल जलाते नजर आए।
जिला आरसीएच अधिकारी एवं कार्यवाहक सीएमएचओ डा0 संजीव शर्मा ने बताया कि एड्स की बीमारी से बचाव हेतु संकोच छोडकर समय पर जांच व उपचार के माध्यम से वायरस लोड को कम किया जा सकता है। एक बार ईलाज शुरू हो जाने के बाद, डरने जैसी कोई बात नहीं होती है। ऐसे मरीजों की केयर करने की आवश्यकता होती है और नियमित दवाओं के सेवन के पश्चात मरीज सामान्य जैसा हो जाता है। आम जन तक यह संदेश पहुंचाकर अधिकाधिक जागरूकता फैलाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस दौरान डॉ. शर्मा ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को एड्स से बचाने के लिए लापरवाही को पूरी तरह से नकार दें और संकोच छोडकर जांच कराने हेतु जनसमुदाय में अधिक से अधिक जागरूकता फैलायें। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी हरलाल मीणा, डीपीसी (पीसीपीएनडीटी) रामस्वरूप सेन, डीएलएन भंवर चौधरी,डीपीसी (टीबी) पुनित पाटोदिया, टीबी, एचआईवी समन्वयक पीयूष चतुर्वेदी, टीबी एचआईवी से अवधेश जोशी सहित अन्य अनुभाग अधिकारियों के साथ ही आईपीईएस संस्थान, जीयूएमएस, लिंक वर्कर आदि स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिला नोडल अधिकारी (एचआईवी) डॉ प्रदीप कटारिया ने बताया कि जिले में कार्यरत जिला एड्स नियत्रंण ईकाई के माध्यम से जिले में एचआईवी से बचाव हेतु जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को जीवन में समय-समय पर जांच व नियमित दवा का सेवन आवश्यक है साथ ही खान-पान व व्यायाम करना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। एचआईवी संक्रमण सें बचाव हेतु जीवन साथी के प्रति संयम व सुरक्षित यौन व्यवहार हो, मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से ही रक्त लेंवे, हमेशा नई सुई व सिरिंज का उपयोग करे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरलाल मीणा ने बताया कि एड्स जैसी महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए जनसमुदाय की भागीदारी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। एचआईवी एड्स रोकथाम एंव नियंत्रण के लिए जिले एआरटी सेन्टर्स बनाया गया है। यहां एचआईवी के मरीजों का निःशुल्क ईलाज उपलब्ध करवाया जाता है।