कोरोना की आशंका को देखते हुए जिला चिकित्सालय में हुआ मॉक ड्रिल टेस्ट।
ऑक्सीजन प्लांट, दवाइयों और उपकरणों की जांच की
भीलवाड़ा।
देशभर में बढ़ते कोरोना के केसों को देखते हुए राजस्थान में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग के आदेश पर मंगलवार को जिले के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी हॉस्पिटल समेत प्रदेश के तमाम छोटे-बड़े सरकारी हॉस्पिटलों में मॉकड्रिल की गई। इसमें वहां मौजूद ऑक्सीजन प्लांट, बैड, दवाइयों और अन्य उपकरणों की जांच की गई। कोविड से निपटने के लिए भीलवाड़ा का महात्मा गांधी हॉस्पिटल पूरी तरह तैयार है। दावा है कि कोरोना संक्रमण फैल भी जाएगा तब भी मरीजों को कोई समस्या नहीं होगी। बिना हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को प्रभावित किए कोविड के मरीजों
का इलाज करेंगे। मेडिकल कॉलेज प्रिसिपल और पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने उपखंड अधिकारी वंदना खोरवाल ने मंगलवार को मॉकड्रिल के दौरान यह जानकारी साझा की। दोनों की मौजूदगी में उपकरणों और व्यवस्था की जांच भी की गई। निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी वंदना खोरवाल ने बताया कोविड का नया वैरिएंट फैलने के कारण जिले भर के हॉस्पिटल की मॉकड्रिल की गई है। इस दौरान मुख्य रूप से स्टाफ प्रशिक्षित है या नहीं, सभी जरूरी मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता क्या है? सहित अनेक बिंदुओं को मॉकड्रिल में शामिल किया गया।
पीएमओ ने कहा- ऑक्सीजन की सुविधा भी मौजूद
पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने बताया- हमारे पास प्रतिदिन चार से पांच हजार मरीजों की कोविड जांच की सुविधा है। 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं। 450 बड़े सिलेंडर है।
हैल्प डेस्क को चालू कर दिया है। जीवनरक्षक औषधियां व उपकरण हमारे पास उपलब्ध हैं। अचानक कोई गर्भवती महिला कोविड पॉजिटिव आ जाती है और उसका सिजेरियन कराना पड़े तो हमारे पास पूरी व्यवस्था है। आईसीयु के बेड और 85 वैटिलेटर हमारे पास है। मरीजों को कोई भी समस्या नहीं होगी, कोई कमी रहेगी तो जिला प्रशासन के सहयोग से उसे दूर करेंगे। मॉकड्रिल के दौरान आरसीएचओ डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. वीरेन्द्र शर्मा, डॉ. दौलत मीणा, उपनर्सिंग अधीक्षक मुकुटराज सिंह शक्तावत मौजूद थे।