*” डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने आखिर क्यों कहा कि पीओके में भारत भी इज़रायल की तर्ज पर करे भीषण बमबारी..? “*
*ओम कसारा ” ओमेंद्र “*
देशभर में यह चर्चा गर्म है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में ऐसा कुछ करेगी कि पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके खुद-ब-खुद भारत में शामिल हो जाएगा । वैसे खबरें तो यह भी है कि पीओके में रहने वाले लोग जब अपनी तुलना जम्मू – कश्मीर के निवासियों से करते हैं तो उन्हें दोनों के रहन – सहन , खान – पान , महंगाई दर और प्रति व्यक्ति आय में रात – दिन का अंतर नजर आता है । यही वजह है कि अब वो पाकिस्तान के अधीन किसी भी हाल में रहना नहीं चाहते , जिसके चलते पीओके के लगभग प्रत्येक व्यक्ति के मन में पाक के प्रति विद्रोह की भावना पनप रही है और वो आए दिन भारत के तिरंगे झंडे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं । साथ ही पाकिस्तानी सेना व पुलिस पर खुलेआम हमले करते हुए पीओके को हिंदुस्तान में सम्मिलित करने की मांग कर रहे हैं ।
जानकारों का मानना है कि नरेंद्र भाई मोदी के तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बेकाबू हो जाएंगे तब भारतीय सेना सीधी कार्यवाही करके पीओके को अपने कब्जे में ले लेगी ।
कहते हैं , भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह को गाजियाबाद से लगातार दो बार सांसद रहने के बावजूद इस बार टिकिट इसलिए नहीं दिया है ताकि विदेशों में लड़ाई लड़ने के उनके अनुभव का भरपूर उपयोग पीओके हासिल करने के लिए किया जा सके ।
दूसरी ओर , अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया का कहना है कि भारत को ऐसे नहीं बल्कि पीओके पर ठीक उसी तरह से भारी बमबारी करनी चाहिए जिस प्रकार इसराइल ने फिलिस्तीन पर हमला करके उसे लगभग जनविहीन कर दिया है । भारत भी पीओके में ऐसे ही भीषण धमाके करके वहां रहने वाले मुसलमानों को अरबिस्तान भागने के लिए मजबूर कर दे और पीओके की जमीन पुनः हासिल कर ले । तोगड़िया ने यह भी कहा कि पीओके में अभी रह रहे मुसलमान वो ही हैं जिन्होंने 1947 में वहां रहने वाले हिंदुओं पर भारी अत्याचार करके मरने अथवा भाग जाने के लिए मजबूर कर दिया था , इसलिए आम हिंदू के उनके प्रति कोई हमदर्दी हो ही नहीं सकती । आज भी पीओके का मुसलमान अपनी मर्जी से नहीं बल्कि भूखों मरने के कारण भारत में शामिल होना चाहता है , जिनकी हमें कोई आवश्यकता नहीं है । वैसे भी , भारत में हिंदुओं और मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी बड़ा असंतुलन हो गया है । ऐसे में यदि पीओके का मुसलमान भी भारत में आ गया तो हिंदुओं का जीना बेहद मुश्किल हो जाएगा ।
बहरहाल , अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने तो अपनी बात कह दी और उधर , मोदी सरकार भी पीओके को भारत में मिलाने के लिए कुछ ना कुछ तो कर ही रही होगी । अब असल में होता है क्या ? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा , तब तक दिल थामकर इंतजार कीजिए