पुर में मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व सांगानेर में आधुनिक आयुर्वेदिक औषधालय शीघ्र – कोठारी
✍️ *मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9667171141*
वस्त्रनगरी भीलवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र है जिसको रेलवे लाइन दो भागों में बांटती है। पटरी से पश्चिमी भाग आवास के साथ ही औद्योगिक इकाइयाँ, खनन व कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। जिसमें मुख्यतः पुर है, जहाँ प्राचीन हनुमान जी का मंदिर, अधरशिला, पातोला महादेव व जिन्दल सॉ लि. स्थित हैं। यहाँ के स्थानीय क्षेत्रवासी निम्न व मध्यमवर्गीय परिवारों से संबंधित होेकर कृषि व पशुपालन पर आधारित हैं। यहाँ से कामगार शहर की फैक्ट्रियों में रोजगार के लिए प्रतिदिन आते जाते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए लम्बी दूरी तय करके भीलवाड़ा शहर के मध्य स्थित महात्मा गांधी अस्पताल का रुख करना पड़ता है।
माननीय उपमुख्यमंत्री (वित्त) श्रीमती दिया कुमारी ने बजट में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आयुष्मान मॉडल सीएचसी स्थापित करने की घोषणा की थी। विधायक अशोक कोठारी ने उस घोषणा पर तत्परता दिखाते हुए जनता की मांग व चिकित्सा संबंधी समस्याओं को देखते हुए आयुष्मान मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए 2.5 बीघा जमीन पुर, जनता क्लिनिक आरोग्य मंदिर के पास में नगर विकास न्यास के द्वारा चिह्नित कर ली गई है। इसके अंतर्गत नये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए उक्त मॉडल व अत्याधुनिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 30 बेड क्षमता का होगा। जिसमें 6 विशेषज्ञ चिकित्सक, 18 नर्सिंग स्टाफ, 2 लैब टेक्निशियन, 3 फार्मासिस्ट के साथ ही अन्य कर्मचारी भी नियुक्त होंगे। यहाँ पर मरीजों को एलोपैथिक की जाँच, दवा, चिकित्सा, सोनोग्राफी, एक्स रे, डिलीवरी, ऑपरेशन आदि की सभी सुविधा एक ही परिसर में उपलब्ध होगी। अब पटरी के पार आस – पास के ग्रामों व कॉलोनियों के निवासियों को प्राथमिकता से चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होगी। जिससे इनको शहर के मध्य स्थित महात्मा गांधी हॉस्पिटल नहीं आना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा को देश की चिकित्सा का नाम दिया गया है। विधानसभा में बजट कटौती प्रस्ताव में विधायक कोठारी ने आयुष चिकित्सा के विस्तारीकरण हेतु माननीय उपमुख्यमंत्री (आयुष) डॉ प्रेमचन्द बैरवा से पुर व सांगानेर स्थित आयुर्वेदिक औषधालयों के आधुनिकीकरण के साथ भवनों के नवीनकरण का अनुरोध किया जिस पर राजस्थान सरकार द्वारा पुर व सांगानेर में स्थित आयुर्वेदिक औषधालयों के आधुनिकीकरण के साथ भवनों के नवीनीकरण का कार्य भी प्रारम्भ करने को आश्वस्त किया। अब इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव नहीं रहेगा।