*भाजपा ने विभाजन विभीषिका पर काली पट्टी बांध निकाला मौन पैदल मार्च, प्रदर्शनी लगाई*
✍️ *मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9667171141*
भीलवाड़ा 13 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार भाजपा जिला संगठन द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा के नेतृत्व एवं विधायक अशोक कोठारी, वरिष्ठ नेता पेंटर सूरज के सान्निध्य में पैदल मौन मार्च निकाला गया।
जिला प्रवक्ता अंकुर बोरदिया ने बताया कि विभाजन विभीषिका को लेकर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सूचना केंद्र पर एकत्र हुए और बांह पर काली पट्टी बांध बारिश के दौर के बीच पैदल मौन मार्च प्रारंभ किया जो पूर्ण अनुशासन के साथ पंक्तिबद्ध कतारों में शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए अंबेडकर सर्किल पहुंचकर संपन्न हुआ। जहां पर जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन इतिहास का एक दुखद अध्याय था जब देश का विभाजन कर दिया गया। विधायक कोठारी ने भी अपने विचार रखे।
मौन पैदल मार्च में संयोजक एवं जिला मंत्री सुरेंद्र सिंह मोटरास, प्रहलाद त्रिपाठी, बाबूलाल आचार्य, श्रीमती मंजू चेचाणी, अविनाश जीनगर, गोपाल तेली, अमित सारस्वत, प्रतिभा माली, ललित अग्रवाल, पंकज मानसिंहका, अंकुर बोरदिया, मनोज बुलानी, महावीर समदानी, अजय नौलखा, अजीत केसावत, भगवत सिंह राठौड़, महेंद्र मीणा, पूरण डीडवानिया, कुलदीप शर्मा, मनीष पालीवाल, अनिल सिंह जादौन, उम्मेदसिंह राठौड़, तुलसीराम शर्मा, मनीष जांगिड़, रितुशेखर शर्मा, गोपाल सोनी, किशोर सोनी, इंदु बंसल, रेखा पुरी, आरती कोगटा, निशा जैन सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
*भाजपा ने विभाजन विभीषिका पर लगाई प्रदर्शनी -* भाजपा जिला संगठन द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर संस्मरणों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भाजपा जिला कार्यालय पर लगाई गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा, विधायक अशोक कोठारी, सभापति राकेश पाठक, पूर्व विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी के सान्निध्य में हुआ।
इस अवसर पर संयोजक एवं जिला उपाध्यक्ष अविनाश जीनगर, श्रीमती मंजू चेचाणी, प्रहलाद त्रिपाठी, गोपाल तेली, सुरेंद्र सिंह मोटरास, कोषाध्यक्ष ललित अग्रवाल, मनोज बुलानी, अजीत केसावत, मनीष पालीवाल, पीयूष डाड, कुलदीप शर्मा, मुकेश चेचाणी, ललित व्यास सहित जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।