*जीतने वाला अभी भी बाहर…* *और बगावत करने वाले अंदर*
– *सुशील चौहान*
भीलवाड़ा। लो साब भीलवाड़ा शहर को *”बे” कमल* करने वाले फिर से कमल वाली पार्टी में *घुसने* में *कामयाब* हो गए। सवाल ये है कि जिसके लिए पार्टी से बगावत की उसे जीताने के बाद भी उसे *भगवा* नहीं पहना पा रहे हैं। वे अभी भी कमल वाली पार्टी के बाहर ही है। यानी हमारे कोठारी साब। बड़े जोर -शोर अपने को भाजपाई होने का राग अलाप रहे थे। मगर कमल वाले उन्हें अभी तक *अपना* नहीं मान रहे हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा की ऑनलाइन सदस्यता भी लेकर भी देख लिया ।मगर ऑनलाइन सदस्यता उनके लिए जी का जंजाल बनते बनते रह गई। अगर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीका राम जूली थोड़ा सा प्रयास करते तो कोठारी साब जो बड़े जतन से विधायकी का चोला पहना वो हाथ से चला जाता।
यह तो कोठारी साब को *कंट्रोल बाबा* जिन्होंने अपने परम भक्त सांई जो विधानसभा के सबसे ताकतवर है वो और जमीनों के महारथी माने जाने वाले *महा-वीर* का एहसान मानना चाहिए। जिन्होंने प्रदेश के आंका को अपने राजनीतिक विरासत वाले *महल* में बुलाकर *पांच पीले कीमती गेंदें* की फूलों वाली माला गले में डालकर विधायकी पर आई आंच से बचा लिया। वरना कोठारी साब *ना घर के रहते ना घाट के*।
भाई जिन लोगों ने कोठारी साब को *चने के झाड़* पर चढ़ा कर बगावत का *तमगा ता जिंदगी* भर के लिए *लगवा* दिया। वो तो *तिकड़म* लगाकर पार्टी में तो घुसे ही साथ संगठन चुनाव के सह प्रभारी भी बन गए।
अब जरा बात करले इन्हीं चार लोगों की जिनका पार्टी ने निलम्बन निरस्त कर गले लगा लिया । इनमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण जी डाड,लादूलाल जी तेली,नगर निगम के उप सभापति रामलालजी योगी(जिन्हें पार्टी ने अब उप महापौर का दर्जा नहीं दिया भाजपा के जारी पत्र के अनुसार), कन्हैया लाल स्वर्णकार जी और गुलाबपुरा की संतोष गुर्जर शामिल हैं। अब डाड साब तो येन-केन संगठन चुनाव के सह प्रभारी बन गए।
यह वो ही डाड साब जिन्होंने कोठारी साब के चुनावी मंच से कहा था कि भाजपा ने उन्हें निष्कासित किया तो उन्हें खूब बधाइयां मिल रही हैं। और तो डाड साब ने तो यहां तक कह दिया तथा कि *वो मुझे क्या निष्कासित करते हैं मैं खुद पूरी पार्टी को निष्कासित करता हूं* । पार्टी को निष्कासित करने वाले डाड साब को गले लगा लिया। वाह भाई वाह।यह सब बहुत भाग्यशाली हैं जो पार्टी से तो छह साल के लिए निष्कासित किए गए मगर छह महीने में फिर घर वापसी हो गई। हालांकि पार्टी ने इन सब को लोकसभा चुनाव में ही मेवाड़ के स्वयं भूं मोदी के कहने पर गले लगा लिया था तब भी यह सब मिलकर मेवाड़ के स्वयं भूं मोदी के लिए पूर्व सांसद सुभाष बहेडिया के छह लाख के रेकॉर्ड को तोड़ नहीं पाए। हालांकि स्वयं भूं मेवाड़ मोदी के शुभचिंतकों ने उस समय छह लाख से अधिक मतों से जीतने का दावा किया था। जो लोग लोक सभा चुनाव में ही पार्टी के लिए काम कर रहे थे। उन्हें प्रदेश अनुशासन समिति ने 13 नवंबर 2024 को पत्र जारी कर इनकी घर वापसी का ऐलान किया। ना जाने प्रदेश अनुशासन समिति पर किसका दबाव था जो उन्होंने *कमल* को *बुलडोजर* से कुचलने वालों को भगवा पहना दिया। अनुशासन समिति के अध्यक्ष औंकारसिंह जी लखावत जो अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं उनके द्वारा इन लोगों को *क्लीन चिट* देने का मामला समझ नहीं आया। अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए जाने वाले लखावत जी पर ऐसा कौन-सा दबाव आ गया जो पहले से ही लोकसभा चुनाव में साथ आ गए थे। उनके लिए पत्र जारी करना पड़ा। इस सम्बन्ध में लखावत जी से उनके *मोबाइल 94140 -7610* पर सम्पर्क किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
वहीं मेवाड़ के स्वयं भूं मोदी जी ने अपनी यारी निभाते हुए गुलाब पुरा के धनराज गुर्जर के एवज में संतोष गुर्जर को पार्टी में लाकर धनराज के एहसान का बोझ उतार दिया। मेवाड़ के स्वयं भूं मोदी जी ने बता दिया जब तक मैं हूं ना बगावत करने वालों के साथ ।उनका बाल भी बांका नहीं होने दूंगा।क्योंकि *मैं दिल्ली में भी हूं और प्रदेश में तो हूं ही* फिर फ्रिक क्यों भाई।
*जब सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का*
*स्वतंत्र पत्रकार*
*पूर्व उप सम्पादक राजस्थान पत्रिका भीलवाड़ा*
*वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेस क्लब भीलवाड़ा*
*Sushil [email protected]*
*जीतने वाला अभी भी बाहर…* *और बगावत करने वाले अंदर* – *सुशील चौहान*
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