*बचाना होगा कालियास का उपासरा, जैन धर्मावलम्बी कल भीलवाड़ा कलक्ट्रेट पहुंच जताए विरोध*
*कालियास के महावीर भवन को तोड़ने की धमकी जैन समाज नहीं करेगा बर्दाश्त*
जैन धर्म का मूल सिद्धांत है अहिंसा परमो धर्म लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि कोई हमारे साथ अन्याय भी करे तो बर्दाश्त कर लिया जाए। देश में किसी समाज के धर्मस्थल के सर्वे की बात पर ही बवाल हो जाता है लेकिन अफसोस सर्वाधिक प्रबुद्ध व जागरूक माने जाने वाले जैन समाज के धर्मस्थलों को हटाने या क्षतिग्रस्त करने के मामले सामने आने पर भी कई बार हम समय पर सचेत नहीं हो पाता जिसका खमियाजा भी भुगतना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला अब भीलवाड़ा जिले के आसीन्द क्षेत्र के कालियास गांव में सामने आ रहा है जहां 80 वर्ष से अधिक पुराने जैन उपाश्रय (स्थानक) महावीर भवन को अब तोड़ने की साजिशे हो रही है। ये उपाश्रय किसी पंथ या सम्प्रदाय के संतों तक सीमित नहीं होकर उस मार्ग से विहार करने वाले सभी पंथ, पम्पराओं व सम्प्रदायों के साधु-साध्वियों के विश्राम के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। आसपास के गांवों में संतो ंके निवास विहार आदि की उचित व्यवस्था नहीं होेने से भी कालियास के इस उपाश्रय का महत्व अधिक बढ़ जाता है। इस स्थानक का उपयोग विभिन्न समाजों के सामाजिक कार्यो के लिए भी होता है। इस उपाश्रय भवन के कारण गांव में कोई बाधा नहीं पहुंचने के बावजूद अब गांव के सरपंच शक्तिसिंह चुण्डावत ने कालियास के जैन समाज के कुछ बंधुओं को मौखिक सूचना दी है या यूं कहे धमकी दी है कि महावीर भवन उपाश्रय को तोड़ा जाएगा। देश के माननीय न्यायालय के कई प्रकरणों में स्पष्ट कर चुके है किसी भी परिसर को बिना लिखित नोटिस दिए एवं उसका विधिक पक्ष जाने बिना नहीं तोड़ा जा सकता या उसका कोई हिस्सा नहीं हटाया जा सकता। इसके बावजूद पता नहीं सरपंच साहब किसी शक्ति के वशीभूत होकर जैन समाज के धार्मिक आराधना के केन्द्र महावीर भवन उपाश्रय को तोड़ने की धमकियां दे रहे है। ये धमकी केवल कालियास के जैन समाज के लिए चिंता का विषय नहीं होकर सम्पूर्ण भीलवाड़ा जिले के जैन समाज के लिए चिंता का कारण बनना चाहिए। कालियास के महावीर भवन उपाश्रय को तोड़ने से बचाने की जिम्मेदारी केवल कालियास के जैन समाज की नहीं होकर हम सभी की है। भीलवाड़ा के जैन समाज को इस मामले में पूरी ताकत के साथ अपनी आवास शासन प्रशासन तक पहुंचानी होगी ओर सरपंच की मनमानी पर रोक लगवानी होगी। हमारी आस्थाओं से कोई खिलवाड़ करे ओर हम मौन साधे रहेंगे तो फिर हम महावीर भगवान के आराधक कैसे कहलाएंगे। कालियास के जैन समाज ने इस मामले में 2 दिसम्बर सोमवार को दोपहर 12 बजे भीलवाड़ा जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन देने का निर्णय किया है। भीलवाड़ावासी जैन धर्मावलम्बियों व विभिन्न जैन संघों के पदाधिकारियों को भी इस मौके पर अधिक से अधिक संख्या में तय समय पर कलक्ट्रेट पहुंच प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने में कालियास के जैन बंधुओं का साथ देना है। हमारी एकता ही इस तरह के कुत्सित प्रयासों को नाकाम कर अपनी धार्मिक अस्मिता व गौरव को बचाने में सहायक होगी। हम खुद भी कलक्ट्रेट पहुंचे ओर अन्य स्वधर्मी बंधुओं को भी इसके लिए प्रेरित करें। हमारे सामूहिक प्रयास ही हमारे धर्म स्थानों व धरोहर को बचाने में सबसे बड़ी ताकत बनेंगे। जय महावीर