भारत माता का कंकर कंकर शंकर है – डॉ. कुमावत।
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गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव )
भारत भूमि का टुकड़ा मात्र नहीं अपितु जीता जागता राष्ट्र देव हैं। इसका कंकर कंकर शंकर है। यह अर्पण की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, यह समर्पण की भूमि है।” संस्कृत भारती द्वारा आयोजित उत्तर पश्चिम क्षेत्र के आवासीय क्षेत्रीय शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग में प्रज्ञा प्रवाह के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र सहसंयोजक डॉ. सत्यनारायण कुमावत ने भारत दर्शन के कार्यक्रम में कहा है। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारत की संस्कृति, सभ्यता, गौरव आदि का परिचय कराते हुए कहा है कि भारत संस्कृत भाषा के आधार पर ही पुनः विश्व गुरु के पद को प्राप्त करेगा इसमें सन्देह नहीं है। अखण्ड भारत की भाषा संस्कृत भाषा ही होगी। हमारे वेदों, पुराणों, उपनिषदों। धर्म ग्रन्थों की भाषा संस्कृत भाषा है। इसी में विश्व का विपुल साहित्य एवं वैज्ञानिक खोजें भरी पड़ी है। अतः सबको संस्कृत भाषा सीखना, बोलना एवं व्यवहार में लेना चाहिए। संस्कृत भाषा केवल पंडितो एवं पुजारियों की है नहीं अपितु यह जन भाषा थी और आगे भी रहेगी। वर्ग संयोजक सीताराम शर्मा ने बताया है कि संस्कृत भारती उत्तर पश्चिम क्षेत्र के संघटन मन्त्री कमल शर्मा के निर्देशन में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित आवासीय वर्ग में वर्गार्थियों को प्रतिदिन देश के प्रसिद्ध विद्वानों का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्तप्रचारक मुरलीधर, विद्याभारती के क्षेत्र संघटन मन्त्री गोविन्द कुमार सहित अनेक प्रसिद्ध व्यक्तित्व मार्गदर्शन प्रदान कर चुके हैं। इसी क्रम में संस्कृत भारती के चित्तौडप्रान्त मन्त्री डॉ. परमानन्द शर्मा ने पञ्च परिवर्तन विषय को लेकर समरसता पर्यावरण संरक्षण, स्व का बोध, कुटुम्ब प्रबोधन एवं नागरिक कर्तव्यों का भाव जागरण किया है। इस वर्ग में सभी जाति वर्ग के वर्गार्थी भाग ले रहे हैं। प्रातः काल जागरण से लेकर रात्रि शयन पर्यन्त सम्पूर्ण समय में समरसता का एक अपूर्व संगम देखने को मिलता है। सभी शिक्षकों, प्रबन्धकों, वर्गार्थियों एवं कार्यकर्ताओं का एक ही संकल्प है कि पाठयेम संस्कृतम्, जगति सर्वमानवानन्, प्रापयेम भारतं सपदि परमवैभवम्। संस्कृतभारतम्, समर्थभारतम्।
संस्कृत भारती के उत्तर पश्चिम क्षेत्र संयोजक डॉ. तगसिंह राजपुरोहित ने बताया कि वर्ग का समापन समारोह 30 मई को आदर्श विद्या मन्दिर परिसर में होगा। इसी बीच 29 मई 2025 को सभी वर्गार्थी नगर के सामाजिकों के घर पर भोजन करने जाएंगे, जिससे सम्पूर्ण नगर में संस्कृतमय वातावरण का निर्माण होगा। वर्ग शिक्षण प्रमुख डॉ. मधुसूदन शर्मा ने बताया कि संस्कृत सम्भाषण के शिक्षण के समुचित अभ्यास हेतु समस्त वर्गार्थियों ने शून्य पाठ सत्र में काल्पनिक शिविर कक्षा की रचना करके पढ़ने का अभ्यास किया। डॉ. मधुसूदन शर्मा के नेतृत्व में डॉ मानाराम चौधरी, संस्कृत भारती जोधपुर प्रान्त संयोजक लीलाधर शर्मा, लोकेश कुमार शर्मा, डॉ रमाकान्त शर्मा आदि सभी शिक्षक गण अहर्निश व्यावहारिक रूप से संस्कृत सम्भाषण का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रबन्धकों में कैलाश, प्रकाश, दिनेश, हर्षित, चिराग, नमन आदि समर्पित प्रबंधक निरंतर सहयोग करते हुए वर्ग को सफल बना रहे हैं। वर्ग प्रबन्ध प्रमुख नरेन्द्र केलानी ने बताया है कि 83 वर्ष की आयु होने पर भी गुलाबपुरा निवासी रतनलाल काबरा अत्यन्त उत्साह पूर्वक भोजनालय व्यवस्था का प्रबन्धन कर रहे हैं तथा समय पर सभी वर्गार्थियों को उत्तम एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करवा रहे हैं। वर्ग में महावीर प्रसाद शर्मा गिरिराज प्रसाद वैष्णव, महावीर प्रसाद टेलर, पंडित ललित शर्मा, भैंरूलाल गर्ग, महावीर कुम्हार, बलवन्त गर्ग, शम्भू लाल सेन, भागचन्द सुथार, शंकर लाल सेन, सांवरलाल गुर्जर, भंवरलाल गर्ग नर्सिंग अधिकारी कैलाश चंद्र शर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता समर्पित भाव से सेवाएं दे रहे हैं।
भारत माता का कंकर कंकर शंकर है – डॉ. कुमावत।

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