शास्त्रीय नृत्य संगीत कला सिखाने वाले शिविर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं – वनस्थली विद्यापीठ डीन प्रोफेसर डॉ सुजीत देवगडिया
भीलवाड़ा 23अप्रेल
गायन, वादन और नृत्य हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा जिस दिन बन जाएगा उस दिन शरीर में बीमारियां आधी भी नहीं रहेगी ! यह बात वनस्थली विद्यापीठ डीन प्रोफेसर डॉ सुजीत देवगडिया ने स्वर्गीय श्रीमान् रामजस जी सोडाणी स्मृति संस्थान भीलवाड़ा एवं अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत भीलवाड़ा जिला शाखा के तत्वावधान में संगीत कला केन्द्र भीलवाड़ा द्वारा चलाए जा रहे ढाई महिने के ग्रीष्म कालीन अभिरूचि शिविर के निरीक्षण करते हुए कही !
वनस्थली विद्यापीठ डीन प्रोफेसर डॉ सुजीत देवगडिया ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि शास्त्रीय नृत्य संगीत कला सिखाने वाले शिविर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ! इस अवसर पर जयपुर से पधारे शास्त्रीय संगीत परीक्षक श्री भानु कुमार जी ने शिविर का अवलोकन करते हुए नृत्य संगीत प्रशिक्षकों के द्वारा शिविर में बच्चों को सिखाई