मोक्ष की प्राप्ति तब हो सकती हैं जब मोह माया का त्याग करके संयम की साधना आराधना करोगे : महासाध्वी डॉ. प्रितीसुधा
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) मोनु सुरेश छीपा मोक्ष को प्राप्त करना है तो मोह माया का परित्याग करें। सोमवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे महा साध्वी डॉ.प्रितीसुधा ने धर्मसभा में श्रोताओं को धर्मसंदेश देतें हुए कहा कि मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति करनी है,तो उसे जीवन में संयम लाना होगा केवल धन से कोई सुखी नहीं हो सकता। भगवान की भक्ति मे ही असली सुख मिलता हैं। ना किस दुनिया की मोह माया में यदि मनुष्य संसार की मोह माया को छोड़ देवें और संयम को अपना ले तो उसका कल्याण हो जाएगा। इंसान संसार की मोह माया में इतना पागल हो रहा है। कि वह अपने मानवीय कर्तव्य को भूलकर परमात्मा की साधना से विमुख होता जा रहा है। मनुष्य संसार की हकीकत को जानता हैं। कि धन दौलत साथ नहीं जाने वाली है। फिर भी मनुष्य उसको नकार कर मोह -माया की जंजीरों मे फंसा हुआ है। इस संसार में सबसे सर्वोपरि संयम होता है। संयम की साधना और आराधना करके परमात्मा को प्राप्त करके अपनी आत्मा को मोक्ष गति दिला सकता हैं। साध्वी संयम सुधा ने कहा कि इंसान शरीर की सुख सुविधाओ को पाने के लिए दिन-रात प्रयत्न करता है। लेकिन आत्मा को सुख देनें किए भगवान का नाम नही लेता हैं। अहिंसा भवन शास्त्री नगर के मुख्यमार्ग दर्शक अशोक पोखरना ने बताया कि धर्मसभा में अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, सुशील चपलोत, हेमन्त आंचलिया, कुशल बूलिया, रिखबचंद पीपाड़ा, हिम्मतसिंह बापना, पूर्व सभापति मंजु पोखरना, रजनी सिंघवी, मंजू बापना, अंजना सिसोदिया, उमा आंचलिया आदि सभी ने अनेकों क्षेत्रों से पधारे अतिथीयो को शॉल माला पहनाकर स्वागत अभिनन्दन किया।