*नया सानवाडा के गांवों में मनाई जाती अनोखी कृष्ण जन्माष्टमी, हर घर विराजित होते मिट्टी से बने कानूड़ा, अलग है यहां के नया सानवाडा के जैन गली में जन्माष्टमी पर हर घर में मिट्टी से बने कानुड़ा को विराजमान किया जाता है*
अशोक माली।द वॉयस ऑफ राजस्थान
*नया सानवाडा*. भगवान श्री कृष्ण का नाम आते ही उनकी लीलाएं दिल और दिमाग में घूमने लगती है. कृष्ण जन्माष्टमी का महाउत्सव पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. विष्णुतत्त्व का यह त्यौहार बड़े ही जोरों-शोरों के साथ में शहरों और ग्रामीण स्तरों पर बड़ी ही आस्था के साथ अलग-अलग परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है. शुकवार के दिन मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन भी कई जगह देखने को मिलता है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मटकियों को बांधकर ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ के जयकारों के साथ यह त्यौहार मनाया जा रहा है. वहीं इस त्यौहार को सिरोही के गांव नया सानवाडा जैन गली में महिल द्वारा कुछ अलग ही तरह से मनाया जाता है.
[09/09, 18:54] The Voice Of Rajasthan: *बाबा रामदेव के परम भक्त चितारा 19वी रामदेवरा पैदल यात्रा पर रवाना*
9 सितम्बर, शिवगंज। पूर्व पार्षदबाबा रामदेव के परम भक्त सोहनलाल चितारा अपनी 19वी पैदल रामदेवरा की यात्रा पर रवाना हुए।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हरीश परिहार के नेतत्व में चितारा एव उनके साथ जा रहे साथियों का स्वागत एव अभिनन्दन किया गया। इस पा अवसर पर परिहार ने कहा बाबारामदेव हमारे लोक देवता एव कलयुग में अवतारी है जिन्होंने जाति धर्म का भेदभाव मिटाने का संदेश दिया,यही कारण है कि सभी जातियों एव धर्मो के लोग उनको पूजते है। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर ही मानव मात्र का कल्याण सम्भव है। आस्था एव भक्ति के मार्ग पर चलकर ही जीवन को जीवन सफल किया जा सकता है इसके चितारा जीते जागते उदाहरण है।
गौरतलब है कि पिछले 19वर्षों से चितारा हर उजियाली बीज के दिन बाबा रामदेव रुणेचा धाम के दर्शन को जाते है एव हर वर्ष भादवा महीने में पैदल यात्रा पर रवाना होकर भादवे की बीज के दिन बाबा के दर्शन करते हैं। पिछले दिनों अपने साथियों के साथ इन्होंने पैदल द्वारका दर्शन की यात्रा भी पूर्ण की थी। चितारा 324 किमी की यात्रा सात दिनों में पूर्ण करेंगे जिसमे प्रति दिन लगभग 45 से 50 किमी चलेंगे।
इन अवसर पर चितारा के साथ जा रहे पूर्व पार्षद अशोक कुमावत, रतन देवासी, गोविन्द कुमार का परिहार के जब्बर सिंह बेड़ा , महेन्द्र बिंदल एव नवीन पूनिया ने साफा एव फूलो के हार से स्वागत अभिनन्दन कर रवानगी दी।