कथा में भक्त प्रहलाद व नृसिंह अवतार की सुंदर झांकी सजाई गयी।
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गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) स्थानीय सार्वजनिक धर्मशाला में चल रहे श्रीदिव्य चातुर्मास सत्संग
महामहोत्सव में श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ कथा में कथा व्यास-श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री दिव्य मोरारी बापू ने भक्त प्रहलाद एवं नृसिंह अवतार की कथा सुनाते हुए बताया कि भक्त प्रहलाद के जीवन कई ऐसी विशेषता थी जिसके कारण भगवान नारायण नृसिंह अवतार लेकर के प्रहलाद जी की रक्षा करते हैं। प्रहलाद जी भगवान के बहुत बड़े भक्त थे। अगर वह गुण हम आप में भी आ जाये तो परमात्मा हर संकट से हमारी तत्काल रक्षा करेंगे। भागवत में उनके चरित्र में बड़ी-बड़ी विशेषताओं का दर्शन कराया गया है। कथा में मोरारी बापू ने कहा बताया कि अस्तेय अर्थात् चोरी न करना। शास्त्र कहते हैं; ‘अस्तेयप्रतिष्ठायां सर्वरत्नोपस्थानम् । ‘
अर्थात् जो चोरी नहीं करता, उसके घर नवरत्नों से खजाना भरा रहता है। वह जल्दी गरीब नहीं होता। वेदों में लिखा है-
‘ मा गृधः कस्यस्विद्धनम् ईशावास्योपनिषद ‘ ।
हे जीव! तुम अपनी शुद्ध कमाई में संतुष्ट रहो,दूसरों के धन की इच्छा ही न करो। जो गरीब होकर भी चोरी नहीं करता वह
अंततोगत्वा सुखी होकर जीवन बिताता है। ईमानदारी की कमाई से बनने वाला भोजन अमृत समान है। जो खाने वाले के हृदय और बुद्धि को निर्मल बनता है। इसके विपरीत चोरी करने वाला घृणा, उपहास और दंड का पात्र तो बनता ही है, गलत कमाई से उसकी संताने बिगड़ती हैं और वह अशांत रहता है।
सुदामा भगत की गरीबी का कारण सहयोगी विद्यार्थी श्री कृष्ण के चने चुराकर खाना ही तो था। वही सुदामा लंबे पश्चाताप, भजन के बाद भगवान् से मिले तो मालामाल हो गये।कथा में मोरारी बापू ने बताया कि
असंगता- असंगता अर्थात् कर्मों में अनासक्ति रखना। कर्म करते हुए भी उसमें लिप्त न होना असंगत है। आसक्ति बांधती है और पाप करती है। परिवार और धन के प्रति आसक्ति, मानव से क्या-क्या पाप नहीं कराती? जो घर, परिवार और संसार में रहकर भी लिप्त नहीं होता, वह जीवन में ही मुक्त हो जाता है। संत कबीर, गोस्वामी तुलसीदास जी, सूरदास जी, नामदेव आदि गृहस्त होते हुए, काम करते हुए भी मोह ममता से दूर रहे।
दुनियां में हूं दुनियां का तलबगार नहीं हूं।
बाजार में निकला हूं खरीददार नहीं हूँ ।।
पूज्य महाराज श्री घनश्याम दास जी महाराज के पावन सानिध्य में भक्त प्रहलाद और नृसिंह अवतार की सुंदर झांकी के साथ बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया गया। इस दौरान सत्संग मंडल अध्यक्ष अरविंद सोमाणी, एडवोकेट विजय प्रकाश शर्मा, सुभाषचंद्र जोशी सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।