सहज व सरल व्यक्तिव के साथ मधुकर मुनिजी ने जन-जन तक फैलाया आगम का ज्ञान: इन्दुप्रभाजी म.सा.
बापूनगर महावीर भवन में श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य मधुकर मुनिजी की 40वीं पुण्यतिथि मनाई
भीलवाड़ा, 2 दिसम्बर। श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य बने पूज्य मधुकरमुनिजी म.सा. सहजता व सरलता की प्रतिमूर्ति होने के साथ गुणों का भण्डार थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन श्रमण संघ की एकता व जिनशासन की प्रभावना के लिए समर्पित कर दिया। सबके प्रति मन में प्रेम व करूणा के भाव रखने वाले ऐसे महापुरूष ने जिनशासन का गौरव बढ़ाया। उनका पुण्य स्मरण करने से भी जीवन में पवित्र भाव जागृत होते है। ये विचार मरूधरा मणि महासाध्वी जैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या वात्सल्यमूर्ति इन्दुप्रभाजी म.सा. ने शनिवार सुबह श्री श्वेताम्बर जैन स्थानकवासी श्रावक समिति संघ महावीर भवन बापूनगर के तत्वावधान में श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य श्री मधुकरमुनिजी म.सा. की 40वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित गुणानुवाद सभा में व्यक्त किए। इस दिवस को सामायिक साधना के साथ मनाया गया। उन्होंने कहा कि वैराग्यकाल से ही कई बार पूज्य मधुकरमुनिजी म.सा. के मुखारबिंद से जिनवाणी श्रवण करने एवं आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आगमों का गहन ज्ञान रखने वाले ऐसे महापुरूष के जीवन से सीखी हुई बातों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास कर रहे है। आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा. ने कहा कि पूज्य मधुकर मुनिजी म.सा. ने आगम के ज्ञान को सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाने का अनुमोदनीय अतुलनीय कार्य किया। उन जैसे महान पुरूष का जितना गुणानुवाद किया जाए कम है। उन्होंने भगवान महावीर के दर्शन के अनुरूप संयम साधना करते हुए सभी को जिनशासन सेवा की प्रेरणा प्रदान की। प्रबुद्ध चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. ने कहा कि मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा. को कड़क मिश्री जबकि पूज्य मधुकर मुनिजी म.सा. को मिठी या नरम मिश्री के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने हमेशा प्रेम व मिठास भरी वाणी से उनके दर्शनों के लिए आने वाले श्रावक-श्राविकाओं को ज्ञान प्रदान किया ओर जिनशासन की सेवा के लिए प्रेरणा प्रदान की। ऐसे महान संतों का गुणानुवाद करना भी पुण्यार्जन करने वाला होता है। धर्मसभा में तरूण तपस्वी हिरलप्रभाजी म.सा. ने भजन की प्रस्तुति दी। धर्मसभा में तत्वचिन्तिका डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा., आदर्श सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संचालन बापूनगर श्रीसंघ के मंत्री अनिल विश्लोत ने किया। सभा में बापूनगर, चन्द्रशेखर आजादनगर, न्यू आजादनगर सहित विभिन्न क्षेत्रों से पधारे श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में रविवार सुबह 8.30 से 9.30 बजे तक बापूनगर महावीर भवन में श्री पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल सेवा समिति के तत्वावधान में महामंगलकारी नवकार मंत्र जाप एवं भक्ताम्बर पाठ का आयोजन होगा। रविवार दोपहर 2 बजे से पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. के सानिध्य में बच्चों की धार्मिक संस्कार पाठशाला की शुरूआत होंगी।
चातुर्मास स्मारिका ‘प्रण से परिणाम’ की प्रति श्रीचरणों में समर्पित
धर्मसभा में पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा के वर्ष 2023 में चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में श्री अरिहन्त विकास समिति के तत्वावधान में हुए चातुर्मास पर आधारित डिजीटल स्मारिका ’‘प्रण से परिणाम’’ की प्रति का विमोचन कर उसे साध्वीवृन्द के श्रीचरणों में समर्पित किया गया। प्रति समर्पित करने वालों में श्री अरिहन्त विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा, बापूनगर श्रीसंघ के संरक्षक लादूलाल बोहरा, अध्यक्ष कमलेश मुणोत, महामंत्री दलपत सेठ, मंत्री, अनिल विश्लोत, उपाध्यक्ष प्रकाश नाहर, श्री पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल के संरक्षक मनोज बाफना, सुश्रावक प्रकाशचन्द्र पारख, गौरव तातेड़ आदि शामिल थे। पूज्य इन्दुप्रभाजी म.सा., आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा., प्रबुद चिन्तिका डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. आदि ने स्मारिका तैयार करने वाले सम्पादक निलेश कांठेड़ के प्रति मंगलभावनाएं व्यक्त करते हुए उनके उत्तरोतर प्रगति की कामना की। इस डिजीटल स्मारिका में चातुर्मास में पांच माह में हुए प्रमुख आयोजनों व त्याग-तपस्या आदि की जानकारी समाहित की गई है। स्मारिका तैयार करने के लिए बापूनगर श्रीसंघ की ओर से निलेश कांठेड़ को सम्मानित भी किया गया।