*लो साब अब अवस्थी ऊपर, कोठारी नीचे…*
*सुशील चौहान*
भीलवाड़ा. चुनावी रेलमपेल में भीलवाड़ा का माजरा अलग सा है। जानकर बताते है कि दामोदर जी अब तक कोठारी जी को आगे लेकर चल रहे थे लेकिन विगत दिनों हुई *तथाकथित थप्पड़* की घटना के बाद हुए *मंथन* से सार निकाला गया कि *दिखावा* ही सही मगर चुनाव तक *अवस्थी जी* को राजी रखने का का निर्देश भी मिला हैं। और ये *समय की मांग* भी हैं। असर भी देखा जा रहा हैं। अब देखिए दामोदर जी के बुधवार के जनसंपर्क कार्यक्रम के लिए जारी की जा रही *चुनावी सामग्री* *यानी पोस्टर* में अवस्थी जी को ऊपर रखा गया है और पहले निर्दलीय और अब मन्नतों के बाद भाजपा में को समर्थन का तमगा लगाने वाले विधायक *कोठारी जी* की फोटो *नीचे* लगा कर क्या संदेश दिया जा रहा हैं।राजनीतिक जानकर समझ नहीं पा रहे?
गत दिनों भाजपा कार्यालय में जो कुछ हुआ वो पूरे शहर में चर्चा का विषय रहा। वहां घटित *तथाकथित थप्पड़ जड़ने की घटना की गूंज* का असर मात्र दो दिन में ही ,*नजर आ गया*। यानी थप्पड़ की गूंज का असर लोकसभा प्रत्याशी दामोदर जी के बुधवार के जनसंपर्क कार्यक्रम के लिए ज़ारी पोस्टर में देखने को मिला। इस पोस्टर में विधानसभा चुनाव हारे भाजपा प्रत्याशी विठ्ठल शंकर अवस्थी को सबसे *ऊपर प्राथमिकता* से स्थान दिया गया हैं। जबकि *काफी मशक्कत* के बाद *भाजपा का केवल भगवा* पहनने वाले निर्दलीय कोठारी जी को *नीचे साइड* में स्थान दिया गया हैं। कोठारी जी ने हाल ही में एक समाचार पत्र में दिए साक्षात्कार में *सीना ठोककर दावा* किया कि *जनप्रतिनिधि तो भीलवाड़ा के “वो” ही हैं और तबादले और अन्य कामों में उन्हीं की चलेगी। इस *दावे की हवा* 16अप्रेल को उस समय निकाल गई। जब *भाजपा संगठन* एवं *दामोदर टीम* की ओर से 17अप्रेल को जनसंपर्क कार्यक्रम के लिए जारी पोस्टर में *दादा अवस्थी* को सबसे ऊपर स्थान दिया गया हैं जिसमें लिखा हैं पूर्व विधायक विठ्ठल शंकर अवस्थी। जबकि केवल भगवा धारण कर पार्टी में घुसे निर्दलीय विधायक कोठारी जी को नीचे स्थान दिया गया। जहां तक जानकारी हैं भाजपा प्रत्याशी जिस विधानसभा क्षेत्र में दौरा करेगा। उस दिन के जनसंपर्क कार्यक्रम में उस क्षेत्र के विधायक के फोटो को प्राथमिकता से स्थान देंवे। और जहां भाजपा का विधायक नहीं हैं वहां हारे हुए भाजपा प्रत्याशी का फोटो लगाकर जनसंपर्क करें । प्रदेश संगठन के इसी निर्देश के तहत भीलवाड़ा शहर में जनसंपर्क के दौरान पहली प्राथमिकता अवस्थी जी को दी गई। जबकि भाजपा को समर्थन देने वाले भीलवाड़ा से विजयी निर्दलीय विधायक कोठारी जी को नीचे स्थान दिया गया।
भाजपा कार्यालय में हुई तथाकथित थप्पड़ की गूंज की आवाज के बाद *स्वयं भू मेवाड़ के..* को समझ आ गया कि *शहर में बने रहना हैं तो दादा दादा कहना जरूरी* हैं। स्वयं भू मेवाड़ के मोदी के सामने दिक्कत आ गई कि अब वो किधर जाएं। *कमल को रोलर* से *कुचलने वाले का दामन* थामे या *असली कमल* की माला गले में पहनें। संगठन की बात नहीं माने तो मुसीबत और जिनको जीत का हार समझ कर गले लगाया उन्हें अपने गले में धारण करें तो आफत। हालांकि *स्वयं भू मेवाड़ के* ने पोस्टर में दोनों को स्थान देकर *एक तीर से दो शिकार* करने का जो *फांसा* फेंका हैं वो कितना कारगर हो साबित होगा यह तो चार जून को ही पता चलेगा?
वैसे शहर में चर्चा हैं कि स्वयं भू मेवाड़ के लिए इस समय दोनों ही बहुत जरूरी हैं। तभी तो वो *करण अर्जुन फिल्म* का गीत गुनगुना रहें *तुम हो मेरे दो अनमोल रत्न* *एक राम तो दूजा लखन* अब देखना हैं कि यह *राम और लखन कितना “दम” लगाते हैं *दामोदर जी” के लिए ?*
वैसे *हाथ वाले* ने भी कल *खबरनवीसों* को *तुरत फुरत* में बुलाया और *फटाफट* में अपनी बात रखी और सब *पार्टी जिला हाकम* पर छोड़ कर यह कहते हुए निकल लिए अब बीस के बाद ही मिलेंगे। *ख़बरनवीस जो सवालों का पुलिंदा* लेकर गए वो हाथ वाले के सामने खोल नहीं पाएं क्योंकि *हाथ वाले ने पहले ही कह दिया आज “मैं” ही बोलूंगा और “आप” केवल और केवल सुनोगे*। बस फिर क्या सब ख़बरनवीस लौट आए।
– *स्वतंत्र पत्रकार*
– *पूर्व उप सम्पादक, राजस्थान पत्रिका, भीलवाड़ा*
– *वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रेस क्लब, भीलवाड़ा*
– Sushil [email protected]
*लो साब अब अवस्थी ऊपर, कोठारी नीचे…*
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