*जलकुंभी समाधान के लिए प्रशासन गंभीर नहीं, जनता उठाएगी आवाज*
अजमेर,19मई। आनासागर में पिछले तीन माह से फैल रही जलकुंभी की समस्या को लेकर शहर के जागरूक नागरिकों तथा संस्थाओं की आज संयुक्त बैठक ’आनासागर संरक्षण संघर्ष समिति’ के बैनर तले आयोजित की गई । इस बैठक में पर्यावरण तथा नागरिक अधिकार से जुड़ी संस्थाओं, पर्यावरण विशेषज्ञों तथा बुद्धिजीवियों ने जलकुंभी समस्या के निवारण के प्रति प्रशासनिक लापरवाही, असंवेदनशीलता, अनदेखी की निंदा की गई। बैठक में कहा गया कि अनेक संस्थाओं के माध्यम से केंद्र सरकार तथा राज्य प्रशासन से सहयोग लेने का आग्रह किया गया है किन्तु प्रशासन नगर निगम के भरोसे बैठा है।
बैठक में कहा गया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के अपने शहर में हो रही इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन उनका ध्यान आकृष्ट नहीं करवा सका है। कुछ वक्ताओं का मानना था कि झील के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए राज्य ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण प्राधिकरण ओंकार सिंह लखावत की भी मदद ली जानी चाहिए।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना था कि गंदे पानी का सतत प्रवाह जलकुंभी का भोजन बन रहा है।अतः इसे रोकने के पुरजोर प्रयास करने चाहिए।
समस्या को बढ़ाने में स्वार्थी तत्वों की संलिप्तता नजर आती है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से दूषित जल के साथ साथ अनेक नालों का प्रदूषित कचरा जलकुंभी के विस्तार का कारण है। इसका स्थाई निदान किए बिना जलकुंभी को रोका नही जा सकता। जलकुंभी हटाना भी कमाई का साधन बन गया है।
बैठक में कहा गया कि शहर की अनेक पर्यावरण प्रेमी संस्थाएं अनेक ज्ञापन दे चुकी हैं किंतु स्थानीय प्रशासन पोस्ट ऑफिस की तरह काम कर रहा है।प्रधानमंत्री ,केंद्रीय पर्यावरण मंत्री तथा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिए गए हैं किंतु यह खेदजनक है कि उच्च स्तर पर कोई पहल नहीं हुई है।
बैठक में आगामी 23 मई से जन आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया। आंदोलन के दौरान मार्च फॉर आनासागर, साइकल रैली, सद्बुद्धि यज्ञ, प्रदर्शन आदि के माध्यम से प्रशासन को ध्यान आकृष्ट किया जाएगा।
बैठक में डी एल त्रिपाठी, अमरसिंह राठौड़, सुरेश माथुर, डॉ आशीष भटनागर, डॉ मोनिका भटनागर, डॉ प्रमोद कांबले, राजेंद्र गुंजल, सत्यनारायण जाला, गिरिराज उपाध्याय, कुलदीप सिंह गहलोत, अनंत भटनागर, महेंद्रसिंह चौहान, अरविंद मिश्रा, उमेश उपाध्याय, ज्योति प्रकाश नाग, मनीष माथुर, कपिल माथुर, सैयद गुलाम हुसैन, असकर खान, निसार खान कायमखानी, जितेंद्र माथुर, डॉ शैलेश पाटीदार, डॉ दीपन, दिग्विजय शर्मा आदि ने भाग लिया। बैठक का संयोजन मोहन चेलानी ने किया।