*जिला बचाने को लेकर अभिभाषक संस्था शाहपुरा के नेतृत्व में संघर्ष समिति का गठन एडवोकेट दुर्गा लाल राजोरा सर्वसम्मति से संघर्ष समिति के अध्यक्ष चुने गए ।
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* जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में बड़े स्तर पर किया जाएगा आंदोलन*
✍️ *मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9667171141*
शाहपुरा। शाहपुरा जिला टूटने पर जिले को बचाने और इसके अस्तित्व की रक्षा के लिए शाहपुरा अभिभाषक संस्था ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक न्यायालय परिसर में की जिसमें शाहपुरा के विभिन्न सामाजिक संगठनो ने आंदोलन का आगाज किया।
बैठक की अध्यक्षता अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा ने की । मीटिंग का संचालन अभिभाषक संस्था के सहसचिव एडवोकेट कमलेश मुण्डेतिया ने किया। न्यायालय परिसर में आयोजित बैठक में स्टांप वेंडर संघ प्रॉपर्टी व्यावसायिक संघ व्यापार मंडल संगठन हार्डवेयर संगठन शाहपुरा , सांवरिया सेठ मित्र मंडल , पूज्य सिंधी समाज , कोली समाज विकास संस्थान, लक्षकार समाज, विट्ठल नामदेव सेवा समिति, ईमित्र संघ शाहपुरा ,गणेश उत्सव समिति शाहपुरा , माहेश्वरी समाज शाहपुरा, कपड़ा व्यापार संघ शाहपुरा, किसान केसरी संघ शाहपुरा, अखिल भारतीय रेगर महासभा शाहपुरा सिखवाल समाज शाहपुरा , शाहपुरा प्रजापति समाज विकास समिति, शाहपुरा तेली साहू समाज शाहपुरा, रघुवंशी नायक समाज विकास समिति शाहपुरा मेवाड़ क्षत्रिय महासभा शाहपुरा ,शाहपुरा जिला वालीबॉल एसोसिएशन ,विप्र सेना शाहपुरा, रचना सुनील मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष शाहपुरा , नगर परिषद अंबेडकर विचार मंच शाहपुरा, सहित कहीं सामाजिक अग्रिम संगठनों ने जिला बचाओ आंदोलन के लिए अपने लेटर पैड पर अभिभाषक संस्था शाहपुरा को समर्थन देकर बैठक में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त करते हुए शाहपुरा को जिला बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से मांग पूर्ण होने तक अनवरत आंदोलन करने का निर्णय लिया। इस मौके पर जिला बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया जिसमें शाहपुरा के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया।
अभिभाषक संस्था शाहपुरा के सह सचिव कमलेश मुण्डेतिया ने बताया कि बैठक में स्टांप वेंडर संघ के अध्यक्ष भगवान सिंह यादव, नरेश बूलिया, अर्पित कसेरा, दिनेश बंटी कवि, किसान केसरी संघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश ओझा अभिभाषक संस्था के पूर्व अध्यक्ष सुनील शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद सिंह हाडा, त्रिलोक चंद नौलखा, अधिवक्ता अनिल शर्मा, नमन ओझा ,विनोद सनाढ्य ,आशीष पालीवाल, यातायात सलाहकार मिंकु रवि दत्त पोडंरिक ,निखिल चास्टा ,अधिवक्ता संस्था उपाध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह राणावत , संस्था कोषाध्यक्ष तेज प्रकाश पाठक, प्रॉपर्टी व्यवसाय राजेंद्र बोहरा, पूर्व शारीरिक शिक्षक रामस्वरूप खटीक, लादूराम जड़ोटिया, अविनाश शर्मा , अशोक बोहरा, ने विचार रखते हुए हर कीमत पर शाहपुरा को वापस जिले का दर्जा दिलाने के लिए निरंतर आंदोलन करने की बात कही । वक्ताओं ने शाहपुरा को जिला बनाए रखने के लिए प्रत्येक माह की 28 तारीख को ब्लैक डे बनाने का निर्णय लेते हुए शाहपुरा बंद रखना एवं विरोध स्वरूप काले झंडे और काली पट्टी बांधकर व्यापार करने का निर्णय लिया । निरंतर आंदोलन के लिए सद्बुद्धि यज्ञ , वाहन रैली, सांकेतिक बंद धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लेते हुए राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया। अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष दुर्गा लाल राजोरा ने आंदोलन की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सड़क से संसद तक और न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़े तो भी संस्था और संघर्ष समिति मिलकर के आंदोलन करेगी और पीछे नहीं हटेगी बालमुकुंद तोषनीवाल ने कहा की राजकीय कार्यक्रमों में आमजन भाग नहीं लेकर अपना विरोध दर्ज कराएगा। नरेश बूलिया ने आंदोलन के लिए पंपलेट छपवाकर वितरण कर आमजन को जागरूक करने का आह्वान किया । संघर्ष समिति की आगामी बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया जाएगा।
शाहपुरा अभिभाषक संस्था के अध्यक्ष दुर्गालाला राजोरा ने कहा, “जिला हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है। इसे खत्म करना न केवल यहां के नागरिकों के अधिकारों का हनन होगा, बल्कि स्थानीय विकास पर भी गहरा असर पड़ेगा।”
संस्था सह सचिव कमलेश मुंडेतिया ने गुरूवार को अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की कि जिले को संरक्षित रखा जाए। शाहपुरा अभिभाषक संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे और शाहपुरा जिले के नागरिकों व संस्थाओ को भी इस आंदोलन में शामिल करेंगे।
*दो दिन करेंगे न्यायायिक कार्यो का बहिष्कार*:
शाहपुरा अभिभाषक संस्था ने घोषणा की है कि 3 व 4 जनवरी को न्यायीयक कार्य का बहिष्कार कर जिले कि बड़ी बैठक आयोजीत कि जायेंगी। बैठक में जिले के अन्य अग्रिम संगठनो और सामाजिक कार्यकर्ताओं के शामिल किया जायेगा।
आंदोलन को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिला ।जनचेतना अभियान चलाकर आंदोलन किया जायेगा। स्थानीय व्यापार मंडल, किसान संगठन और छात्र संघ को भी इस मुद्दे पर संस्था एवं संघर्ष समिति सहित वकील साथ लेकर चलेगें।
अधिवक्ताओं ने सरकार से अपील की है कि वे जिले के खत्म करने के निर्णय पर पुनर्विचार करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वकील उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे तथा उच्च न्यायालय का दरवाजा खट खटाया जाएगा। जिला बचाओ आंदोलन धीरे-धीरे एक जन आंदोलन का रूप स्थापीत करने का आगाज किया। इस अवसर पर अभिभाषिक संस्था के अधिवक्तागणों ने न्यायालय परिसर में न्यायिक कार्य का बहिष्कार रखा जिसमें संस्था के उपाध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह राणावत सचिव वीरेंद्र पथरिया सह सचिव कमलेश मुंडेतिया कोषाध्यक्ष तेज प्रकाश पाठक पुस्तकालय अध्यक्ष दीपक मीणा संस्था के सदस्य संजय हाडा कैलाश सुवालका लालाराम गुर्जर राहुल पारीक अक्षय राज रेबारी आशीष पालीवाल अंकित मालू अंकित शर्मा सहित कहीं अधिवक्ता मौजूद रहे