*‼️पहलगाँव से जयपुर के जौहरी बाज़ार तक !आख़िर हो क्या रहा है?‼️*😱
_*इस बुरे वक़्त में हिन्दू और मुस्लिम नेता क्या बाज़ नहीं आएंगे नेता गिरी चमकाने से? भावनाएं उकसाने से?*_😣
*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*पहलगाँव के आतंकवादी नरसंहार के बाद देश ग़ुस्से में है। आम हिंदुस्तानियों का ग़ुस्सा जायज़ है। मज़हब पूछ कर निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या का पूरा विश्व निंदा कर रहा है। मुस्लिम मुल्क़ों में भी इस क़ायरना हमले की मज़्ज़मत की जा रही है। हिंदुस्तान में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोग भी खुल कर निंदा कर रहे हैं।पाक की नापाकीज़गी पर दिलों का दुख ग़ुस्से में है। मस्जिदों में वारदात के विरोध में और मृतकों की आत्मा की शान्ति के लिए विशेष नमाज़े अदा हो रही हैं।*🙋♂️
*और इन सबके बीच कल जयपुर के जौहरी बाज़ार में जो कुछ हुआ वह शर्मनाक था। अनावश्यक और ग़ैर ज़िम्मेदाराना था।वारदात के भीतर का सत्य कुछ भी हो पर यह बात तो साफ़ थी कि हिंदुओं और मुसलमानों के कुछ नेता सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए सर्वहारा वर्ग की भावनाओं से खेल रहे हैं। अपने अपने वोट बैंकों को यह बताया जा रहा है कि उनके दिल में धर्म के प्रति कितनी प्रगाढ़ आस्था है।*💁♂️
*मस्जिद पर पाकिस्तान विरोधी पोस्टर चिपकाना या फिर मुस्लिमों की भावनाओं को उकसा कर विरोध प्रदर्शन करवाना और स्थिति इतनी नाज़ुक बना देना की पुलिस को बल प्रयोग पर मजबूर होना पड़े।आख़िर इसके पीछे कौनसी सियासती चालें हैं❓*😯
*एक नेता जी अपने हिन्दुवाद को चमकाने के चक्कर में जानबूझ कर किसी मस्जिद पर पोस्टर चिपकवा देते हैं तो दूसरे नेता जी अपने वर्चस्व को सुनहरा बनाने के लिए अपने समाज के लोगों को उकसा कर बाज़ार बन्द करवाने की हरक़त कर बैठते हैं। पहली बात तो यह है कि पाकिस्तान का विरोध करने के लिए मस्जिद पर पोस्टर चिपकाने की क्या ज़रूरत है❓क्या मस्जिद पाकिस्तानी हुक़ूमत ने बनवाई है❓या उस मस्जिद में पाकिस्तानी मुस्लिम नमाज़ पढ़ते हैं❓ज़ाहिर है कि यदि मस्जिद पर पोस्टर नहीं लगाया जाता तो पाकिस्तान का विरोध किसी तरह से कम नहीं हो जाता! यह बात मैं उन महान हिन्दू नेता से कह रहा हूँ जिनके विरुद्ध जयपुर के रामगंज थाने में मामला दर्ज़ हुआ है।*🤨
*दूसरी बात मैं उस काग़ज़ी नुमा मुस्लिम नेता जी से कहना चाहता हूँ कि पाकिस्तान विरोधी पोस्टर से हिंदुस्तान के मुसलमानों की आस्था पर ठेस कैसे पहुंच गई❓क्या पाकिस्तान का विरोध करने से उनको बुरा लगता है❓क्या हर भारतवासी के दिल में पहलगाँव के नरसंहार को लेकर विरोध नहीं होना चाहिए❓यदि कोई सच्चा हिंदुस्तानी है तो पाकिस्तान का विरोध मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारों सब पर होना चाहिए।*💯
*यदि किसी हिन्दू भाई ने पाकिस्तान विरोधी पोस्टर मस्जिद पर लगा भी दिया तो इसे इतना दिल पर लेने की क्या ज़रूरत थी।पोस्टर इस्लाम विरोधी तो नहीं था। वह था तो पाकिस्तान के ही विरोध में!! फिर अमीन कागजी जी के कलेजे में विरोध करवाने की चिंगारी क्यों फूटी❓*🤨
*दोस्तों ! जब दरगाहों और मस्जिदों के अंदर हमारे मुस्लिम भाई पाकिस्तान की कायराना हरक़त पर नमाज़ अदा करने के बाद मज़्ज़मत कर रहे हैं! काली पट्टी बांध कर नमाज़ अदा हो रही हैं! ख़ूनी वारदात में जान गंवाने वालो की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआएं की जा रही हों तब मस्जिद के बाहर पाकिस्तान विरोधी पोस्टर लगाने पर इतना बवाल क्यों मचाया गया❓🥺*
*और फिर पोस्टर किसी अश्लील फ़िल्म का तो नहीं था? किसी बाज़ारू उत्पादन का तो नहीं था। कई बार नासमझ लोग तो ऐसे पोस्टर भी धर्मस्थलों पर लगा जाते हैं।*🫢
*यह वक़्त सरकार के साथ खड़े होने का है। कुछ बातें अब मोदी जी पर ही छोड़ देनी चाहिए। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उन्होंने तत्काल जो फ़ैसले किए हैं वह बेहद प्रभावशाली हैं। बिना ख़ून बहाए उन्होंने पाकिस्तान की कमर तोड़ने के पुख़्ता इंतज़ाम कर दिए हैं। जितनी और जैसी बर्बादी पाकिस्तान में परमाणु बम से नहीं हो सकती वह तो सिंधु नदी के जल रोकने से ही हो गई है। व्यापारिक रिश्तों के ख़त्म करने से आने वाले समय में पाकिस्तान की टूटी हुई कमर पर कितना बोझ बढ़ जाएगा यह कोई सोच भी नहीं सकता।*🙄
*यह अच्छी बात है कि हर भारतवासी में राष्ट्रवाद का जज़्बा होना चाहिए। सामने भी आना चाहिए। आ भी रहा है। ऐसे में हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि जयपुर जैसी ओछी हरक़तों से बचें। सामाजिक समरसता टूटे!! इसी के लिए तो पहलगाँव में नरसंहार किया गया। मज़हब पूछ पूछ कर हत्याएं की गईं। यदि उनके उकसाने पर हम आपसी भाईचारा ख़त्म करते हैं तो पाकिस्तान की चाल में फंस जाते हैं।सरकार का साथ दें। उसका सरदर्द न बढ़ाएं। पाकिस्तान को मिट्टी में मिलाने के सारे बंदोबस्त हो रहे हैं। हम जिस भी मज़हब के हों। सब्र रखें। संयम रखें। बस इतनी ही प्रार्थना है।*🙏