*पेपरलीक मास्टरमाइंड के पास वाली बिल्डिंग पर चला बुल्डोजर:5 मंजिला बिल्डिंग को तोड़ने की कार्रवाई शुरू, डेढ़ घंटे में ढहाया आधा हिस्सा*
जयपुर में अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग तोड़ने के बाद उसके पास बनी एक दूसरी चार मंजिला बिल्डिंग को आज जेडीए मौके पर तोड़ना शुरू कर दिया। सुबह 7 बजे शुरू हुई इस कार्यवाही में डेढ़ घंटे के अंदर ही बिल्डिंग का एक हिस्सा तोड़ दिया। इस बिल्डिंग को तोड़ने के बाद पूर गोपालपुरा बाइपास पर संचालित दूसरे कोचिंग इंस्टीट्यूशन में खौफ बढ़ गया है। क्योंकि इस रोड पर बनी अधिकांश बिल्डिंग अवैध बनी है और जेडीए से बिना अनुमति के बनाई है।
जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया कि मुख्य गोपालपुरा बायपास, गुर्जर की थड़ी पर सुखविहार योजना के भूखण्ड संख्या 34 ये बिल्डिंग बनी है। 296 गज के आवासीय भूखण्ड पर बनी इस बिल्डिंग में व्यवसायिक उपयोग के हिसाब से कंस्ट्रक्शन कर लिया था। जेडीए की बिना अनुमति के और बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके बनाई इस बिल्डिंग में बेसमेंट के अलावा 5 मंजिल का निर्माण है, जो कुछ समय पहले कोर्ट स्टे था। कोर्ट स्टे हटने और सील खुलने के बाद आज इसे तोड़ा जा रहा है।
जेडीए की ओर से शुक्रवार सुबह ही कार्रवाई शुरू कर दी थी।
जेडीए की ओर से शुक्रवार सुबह ही कार्रवाई शुरू कर दी थी।
इतने हिस्से को तोड़ा जाएगा
सैनी ने बताया कि हमारी टेक्निकल टीम ने जब बिल्डिंग की जांच की उसमें मिला कि बिना बिल्डिंग प्लान का नक्शा अप्रूड करवाए ये बिल्डिंग बनाई गई। इसमें बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए पूर्व दिशा में 15 फीट, पश्चिम दिशा में 10 फीट और उत्तर दिशा में गोपालपुरा बायपास मुख्य सड़क की ओर 20 फीट का सेट बैक कवर करके निर्माण किया गया।
फरवरी 2020 में दिया था नोटिस
रघुवीर सैनी ने बताया कि जब इस बिल्डिंग का निर्माण चल रहा था तब हमारी टीम के सामने मामला आने पर करीब तीन साल पहले 24 फरवरी 2020 को अवैध निर्माण पर धारा 32-33 का नोटिस जारी किया गया। साथ ही बिल्डिंग मालिक काे कंस्ट्रक्शन बंद करने के लिए कहा गया। नोटिस के बाद भी भूखण्ड स्वामी ने निर्माण जारी रखते हुए नोटिस का जवाब भिजवाया।
डेढ़ घंटे में कोचिंग के पास वाली बिल्डिंग का आधा हिस्सा टीम ढहा चुकी है।
डेढ़ घंटे में कोचिंग के पास वाली बिल्डिंग का आधा हिस्सा टीम ढहा चुकी है।
जनवरी 2021 में भवन किया था सील
भूखण्ड के मालिक का जवाब मिलने और टेक्निकल टीम से जांच करवाने पर जवाब संतोषजनक नहीं मिला। इसके बाद जेडीए ने इस बिल्डिंग को 13 जनवरी 2021 को सील कर दिया था। इस सीलिंग की कार्यवाही के विरोध में भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका लगाई, जिसके बाद कोर्ट ने स्टे दे दिया। इस मामले पर चली लम्बी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले साल 17 अक्टूबर 2022 को भूखण्ड को सात दिन में सील मुक्त करने के जेडीए के आदेश दे दिए।
अपने स्तर पर हटाई सील
कोर्ट के आदेश मिलते ही भूखण्ड मालिक ने जेडीए को बिना इन्फोर्मेशन दिए खुद के स्तर पर जेडीए की ओर से की गई सीलिंग को हटा दिया और वापस निर्माण शुरू कर दिया। इस पर जेडीए ने वापस भूखण्ड मालिक को विधिक नोटिस जारी किया और अवैध निर्माण को रूकवाते हुए गार्ड तैनात कर दिया। जेडीए के इस नोटिस के खिलाफ भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में फिर याचिका लगाते हुए नोटिस को चैलेंज किया। लेकिन इस बार कोर्ट ने 13 जनवरी 2023 को सुनवाई के बाद भूखण्ड मालिक की अपील को खारिज कर दिया।