पूर्व जिला प्रमुख ने विवेक धाकड की मौत के लिए बहु पद्मिनी और उसकी बहनों को ज़िम्मेदार बता अदालत की शरण ली
पद्मिनी अपने पति विवेक की राजनीतिक और आर्थिक विरासत चाहती थी? पिता ने किया खुलासा !
भीलवाड़ा | कांग्रेस के पूर्व विधायक विवेक धाकड की मौत के मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा उसके पिता कन्हैयालाल धाकड ने आज किया है तथा अपने बेटे की मौत के लिए उसकी धर्म पत्नी पद्मिनी को जिम्मेदार बताया है। श्री धाकड ने अधिवक्ता तुषार डांगी के ज़रिए अदालत में आज एक इस्तगासा भारतीय दंड संहिता धारा 306, 406,506 सहपठित धारा 120बी पेश किया जिसमें लिखा गया कि भीलवाड़ा की सुभाष नगर थाना पुलिस को दो बार लिखित में प्रार्थना पत्र पेश करने के बाद भी एक युवा पूर्व विधायक की राजनीतिक विरासत पर कब्जा करने तथा आर्थिक शोषण कर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने वाले छह अभियुक्तों के खलाफ आज तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है तथा पुलिस अभियुक्तों के खलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाह रही है।
तुषार डांगी द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट को पेश मुकदमे में पत्नी पद्मिनी के अलावा पड़ोसी भाजपा नेत्री अनिता पत्नी चंद्र देव आर्य, तथा चार बहनो श्रीमती वंदना सिंह त्रिपुरा, श्रीमती नर्मदा सिंह ग्वालियर, श्रीमती कृष्णा + देवी मेहता निवासी कोटा तथा श्रीमती कावेरी देवी निवासी हरिद्वार को अभियुक्त बनाया गया है।
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परिवादी कन्हैया लाल धाकड ने अदालत से कहा की मेरे विवेक पुत्र धाकड़ की 4 अप्रेल को अप्राकृतिक परिस्थितियों / आत्महत्या से मृत्यु हो गयी। मेरा मृतक पुत्र एक राजनीतिक एवं सुप्रसिद्ध व शिक्षित परिवार से था। वह मांडलगढ़ विधान सभा का पूर्व सदस्य (एम.एल.ए) और पेशे से वकील था।
उसकी शादी 2003 में ‘धाकड़ समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन’ में
पद्मिनी के साथ हुई थी, विवाह के बाद अवनी नाम की एक बेटी का जन्म वर्ष 2008 में हुआ था। इसके बाद से पद्मिनी का व्यवहार परिवार और विशेष रूप से विवेक (मृतक) की ओर बदल गया था। राजनीतिक महत्वकांशा
थी पद्मिनी को
धाकड़ का आरोप है पद्मिनी को यह विश्वास और अहसास हो गया था कि यदि विवेक को परिदृश्य से हटा दिया गया, तो सारी संपत्ति और राजनीतिक विरासत उसके पास चली जाएगी, क्योंकि विवेक इकलौता बेटा हैं और इस तरह पद्मिनी को आज़ादी, पैसा और साथ ही राजनीतिक विरासत भी मिलेगी। अतीमहत्वाकांक्षी होने के कारण उपरोक्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए, उसने मेरे बेटे को इस हद तक परेशान व प्रताड़ित किया कि मेरे बेटे को अपना जीवन समाप्त करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था व उसे इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा।
छोटी छोटी घटनाओं से बुना जाल
धाकड़ का आरोप है की उसने कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीकों से एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी, जिसके कारण विवेक धाकड़ (मृतक) के पास आत्महत्या करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा । इस्तगासे में उन्होंने कुछ घटनाओं का भी ज़िर किया जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विवेक (मृतक) को परेशान किया जब भी कोई राजनीतिक या पारिवारिक सदस्य या मेहमान विवेक से मिलने आता था तो पद्मिनी मृतक विवेक के आत्म सम्मान और स्वाभिमान को धूमिल करने के उद्देश्य से (मृतक), मुँह पर ही एक गिलास पानी लाने के लिए तक मना कर देती थी। मेरी व मृतक की जानकारी के बिना उसने आर. सी. व्यास कॉलोनी में एक मकान किराए पर ले रखा था। उक्त कृत्य, मृतक की छवि को धूमिल करने या उसे ब्लैकमेल करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया था ताकि मृतक की सार्वजनिक छवि खराब हो सके।
उसके
दुबारा शादी की कहानी गढ़ी
पानी ने विवेक और परिवार के अन्य सदस्यों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से, स्वयं की दुबारा शादी करने की कहानियां गढ़ीं। पड़ोसन और चार बहिनों की साजिश थी
वह यह जानती थी कि वह सीधे तौर पर विवेक (मृतक) को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है, इसलिए उसकी रणनीति विवेक को पूर्णरूप से परेशान करने की थी ताकि विवेक आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाए और बदले में, उसे सहानुभूति मिले और अंततः वह राजनीतिक और आर्थिक रूप से समृद्ध होकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सके। यही कारण है कि विवेक ने अपने सुसाइड नोट में उल्लेख किया है कि उसकी सारी संपत्ति उसके पिता को दे दी जाए क्योंकि विवेक को पद्मिनी के गलत इरादों के बारे में पता चल गया होगा। उक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने में पद्मिनी, अनिता आर्य और पानी की चार बहनों द्वारा समय समय पर सहायता और सलाह दी जाती रही और अंततः सभी अभियुक्तगणों ने मिलकर इस तरह से साजिश रची कि विवेक के पास अपनी जिंदगी खत्म करने के अलावा
बहु अपने ससुर को लातों से मारती थी
इस्तगासे में लिखा गया की मुझ परिवादी व मृतक को खाना परोसने / देने से मना किया। पद्मिनी अपने ससुर को लातों से भी मारती थी व एक मर्तबा उन्हें बेलन से मारने कि धमकी भी दी थी। उक्त घटना का उल्लेख
गरिमा / मर्यादा के कारण, अपने मृतक पुत्र को नहीं किया। हालांकि, यह बात घर के नौकर ने मृतक को बनाई, जिससे मृतक बहुत दुःखी व निराश हुआ।
विवेक को कोटा आने की इजाज़त नहीं
मृतक विवेक, अपनी पत्नी पद्मिनी तथा बेटी अवनी को एलन इंस्टिट्यूट में परीक्षा की तैयारी के लिए दाखिला दिलाने की लिए 23 मार्च और फिर 31 मार्च को कोटा ले गए थे, हालांकि बिना किसी बात के पद्मिनी और अवनी ने एक मुद्दा बनाया की वह अवनि की तैयारी के लिए 2 साल की छुट्टी लेकर कोटा में रहेगी, लेकिन विवेक को उनके साथ रहने या उनसे मिलने की अनुमति नहीं देना चाहती थी, जिससे उनकी स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न न हो।
धड़ आरोप है कि विवेक की मृत्यु के बाद बहु पद्मिनी खुले आम कह रही है की अब बड़ा काँटा तो निकल गया में “डोकरे को सड़ा-सड़ा कर मारूंगी। विवेक की हिम्मत कैसे हुए की वह सारी प्रॉपर्टी तुम्हारे नाम कर
गया।
इस्तगासे में कहा गया की पद्मिनी ने कभी भी धाकड़ पारिवारिक परंपराओ व रिती रिवाजो का पालन नहीं किया। यहाँ तक की अपने पति के निधन पर भी उसने मृतक को श्रद्धांजलि तक नहीं दी और न ही किसी पूजा पाठ में हिस्सा लिया ।
पुलिस पर बड़ा आरोप, मुकदमा दर्ज नहीं किया
पूर्व जिला प्रमुख धाकड़ का आरोप है सुभाष नगर थाने पर व पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत को दिनांक 25 अप्रैल को मुकदमा दर्ज करने के लिए रिपोर्ट पेश की तथा कोई कार्यवाही नहीं करने पर पुनः थाने पर 5 मई को रिपोर्ट पेश की लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और ना ही कोई कार्यवाही की ।
माँ बेटी को घर से निकाला, ससुर पर आरोप
पद्मिनी और विवेक की बेटी अवनि ने देर रात एक विडियो वायरल कर कहा की ससुर कन्हैया लाल तथा उनकी बेटी ने हमें घर से बाहर निकाल दिया और हमारे पास रुकने की भी जगह नहीं है। दोनो ने पुलिस से भी मदद माँगी पर किसी ने सहायता नहीं की ।
अन्य कोई विकल्प नहीं बचा। इनका मकसद विवेक को अपने रास्ते से हटाने का था ताकि पद्मिनी राजनीतिक रूप से चर्चित हो सके और अंततः इसका लाभ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पद्मिनी को मिल सके।
श्री धाकड का आरोप है कि पद्मिनी को
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उसकी परिवार के रत्न व आभूषण, फरियादी द्वारा सोपे गये थे, लेकिन बार- बार तकाज़ा करने पर भी आज तक उसने उक्त रत्न व आभूषण नहीं लोटायें। अतः यह सभी रत्न व आभूषण पद्मिनी के कुब्जे से बरामद करवा मुझ परिवादी को सोपे जाने का आदेश दिलावे।