*‼️आनासागर के किनारे अवैद्य रूप से हुए निर्माण नहीं! भ्रष्टाचारियों के दम्भ टूट रहे हैं‼️*🤨
_*हमारी टीम ने आख़िर दिखाए भृष्ट तंत्र को दिन में तारे!*_🌟
*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*सर्वोच्च न्यायालय को चाबी का खिलौना समझ कर चलने वाले अजमेर के अधिकारियों की ग़लत फ़हमी अब दूर हो गई है। बकरे की माँ बना प्रशासन ! अपने काले कारनामों के बकरे को कटने से बचाने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं कर रहा था। (अभी भी कर रहा है )*😨
*एनजीटी के फैसले पर कार्रवाई करने की जगह वह सर्वोच्च न्यायालय जाकर कानून को चकरी बनाए जा रहा था… मगर लीजिए उसके सारे काले कारनामे ध्वस्त होने लगे हैं।*🫢
*स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ों की बंदरबाँट से बने अवैध निर्माणों को अब ख़ुद अपने हाथों से तोड़ा जा रहा है।सेवन वंडर! फूड कोर्ट ! महात्मा गांधी स्मारक! सहित सभी अवैध इमारतों पर बुलडोजर और क्रेन नज़र आने लगी हैं।*😯
*मित्रों !! विगत 5 साल से मैं आनासागर पर हो रहे आक्रमणों को लेकर कड़वे से कड़वे ब्लॉग्स लिख रहा था । मेरे मित्र अशोक मलिक और सुरेंद्र सिंह शेखावत भी आना सागर की अस्मिता को बचाने के लिए न्यायालय के चक्कर काट रहे थे …मगर मोटी खाल के हत्यारे अधिकारी! सिर्फ़ और सिर्फ़ दोनों हाथों से घर भरने में लगे हुए थे । जब इन अवैध ईमारतों को बनाया जा रहा था और मैं उसके विरोध में आनासागर को बचाने के लिए शहर के नागरिकों को एक जुट करने की कोशिश में लगा हुआ था , तब कोई मेरी बात सुनने वाला नहीं था। बात बात में अजमेर बंद करने वाले नेता ! समाजसेवी! बुद्धिजीवी ! डॉक्टर्स!इंजीनियर्स ! वकील ! पर्यावरण प्रेमी! सब पता नहीं किस कुंभकरणी नींद में सो रहे थे❓कुछ लोग ज़रूर मेरी आवाज़ से आवाज़ मिला रहे थे मगर उनकी आवाज़ नगाड़ों में तूंती की आवाज़ जितनी ही थी । धर्मेश जैन ! रवि नरचल! पीयूष नाग! प्रताप यादव ! और भी ऐसे ही कई मुट्ठी भर लोग मेरे साथ क़दम से क़दम मिला कर चल रहे थे।*🙋♂️
*आनासागर द्रोपदी बना हुआ था ! प्रशासनिक अधिकारी चीर हरण पर तुले थे ! और कहीं से कोई कृष्ण उसे बचाने नहीं आ रहा था!*🙄
*तभी हमारी टीम के जागरूक प्रणेता अशोक मलिक और जुझारू नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत ने मेरी मुहिम को मजबूत करते हुए अदालतों में वाद दायर कर दिए । रवि नरचल भी अदालती कार्यवाही में जुट गए।*👍
*ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आनासागर पर हुए सभी अवैध निर्माणों को हटाने का फैसला सुना दिया।*💁♂️
*अजमेर का भृष्ट प्रशासन फिर भी झील के चीर हरण को वैध मानते हुए सर्वोच्च न्यायालय चला गया । अब वहां से भी फटकार मिलने के बाद वह अपनी काली करतूतें मिटाने पर मजबूर हो चुका है।*🤨
*यहां मैं सुरेंद्र शेखावत को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने मेरे चैनल “बात आज की” पर आकर खुलेआम ऐलान कर दिया था कि यदि आनासागर के वेटलैंड पर बने सभी निर्माण नहीं तोड़े गए तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।बधाई भाई! अब आप सियासत में बने रहो! आप लगभग जीत चुके हैं!*👍
*इधर हमारी टीम के योद्धा अशोक मलिक ने जब इन निकम्मे अधिकारियों की कलई खोली तो उन्हें संयोजित षड्यंत्र के तहत जेल भिजवा दिया गया ! उनके पुत्र ध्रुपद मलिक का भी भविष्य चौपट कर दिया गया!🥺*
*इन सबके बावजूद हमारी टीम ने आखिर सच्चाई को विजयी बनाकर ही दम लिया । इसलिए अजमेर के लोग भी बधाई के पात्र हैं। बस ! इलायची बाई की गद्दी आबाद रहे!*🤪
*यहां अब एक और बात बता दूं कि चालाक अधिकारी अभी भी बदनीयती से निर्माण ध्वस्त कर रहे हैं । फूड कोर्ट को जब पूरी तरह अवैध बता दिया गया है तो सिर्फ उसके फर्श को हटाकर घास बोने से क्या होगा❓वेटलैंड में जो निर्माण हैं उन्हें जड़ से क्यों नहीं उखाड़ा जा रहा❓क्यों दो दो क्रेन पूरे दिन एक स्टैचू को नहीं हटा पा रही ❓मुझे तो लग रहा है कि अभी भी सर्वोच्च न्यायालय को अंधेरे में रखने की क़वायद चल रही है । यदि ऐसा हुआ तो हम और हमारी टीम इसके लिए भी अदालत के दरवाज़े खटखटाएगी। और हां अभी तो करोड़ों रुपये मिट्टी में मिलाने के लिए ज़िम्मेदार हरामियों की जवाबदेही भी तय होगी। उनकी हलक़ से खाया पिया भी निकाला जाएगा। कहाँ हो❓सुशील कुमार जी❓देथा जी❓गौरव जी❓प्रकाश जी ❓विश्वमोहन जी ❓अजमेरा जी ❓और भी सारे महानुभावों!*🤨