*सात माह की कम्पलीट ट्रेनिंग लेकर तमिलनाडु से लौटे अग्निवीर रामस्वरूप कुमावत का सरदार नगर में ग्रामीणों ने भव्य स्वागत कर जुलुस निकाला।
बनेड़ा – .✍️परमेश्वर दमामी
बनेड़ा तहसील के सरदार नगर गांव में एक अग्निवीर का ग्रामीणों द्वारा बस स्टैंड पर भव्य स्वागत किया गया । जानकारी के अनुसार बताया गया कि रामस्वरूप पिता ओमप्रकाश कुमावत उम्र 22वर्ष निवासी सरदार नगर का सलेक्शन केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आर्मी भर्ती अग्निवीर के लिए सलेक्शन हुआ ।जिसकी 7 माह की कम्पलीट ट्रेनिंग दी मद्रास रेजीमेंटल सेन्टर वेलिंगटन जिला नीलगिरी तमिलनाडु में लेकर एक माह की छुट्टी पर आज अपने पैतृक गांव सरदार नगर आये जहां गांव वासियों व बास्केटबॉल क्लब द्वारा अग्निवीर रामस्वरूप कुमावत का डीजे की धुन पर चल देशभक्ति गीतों की बीच तरंगा लिए हाथों में ,फुलों की बरसात व आतिशबाजियों के साथ जोशिला स्वागत किया । स्वागत कर्ताओं में मुख्य रुप से सरपंच प्रतिनिधि सरदार नगर मोहन जाट , पूर्व उपसरपंच मनोहर सिंह सिसोदिया भाजपा मंडल महामंत्री शंकर कुमावत, परमेश्वर दमामी -भाजपा मिडिया सह-संयोजक विधानसभा क्षैत्र शाहपुरा -बनेडा, रिटायर्ड मैन आर्मी मैन बाबु खां पठान,युवा समाजसेवी शिवा माली , ओमप्रकाश गिरी, शाहरुख पठान, राधेश्याम कुमावत, मोहन कुमावत ,प्रहलाद कुमावत,माली सम्पत माली , गोपाल गाडरी, महावीर तेली ,जमना गाडरी ,ओमप्रकाश कुमावत, राकेश तेली,संजय जाट ,मुकेश जाट , सहित बालसंस्कार विधालय व प्रताप विद्या मंदिर के बच्चों व विधालय स्टाफ ने अग्निवीर रामस्वरूप कुमावत का स्वागत किया। स्वागत रैली धुमधडाके के साथ बस स्टैण्ड से रवाना होकर तेजाजी चौक ,रावला चौक , कुमावत मौहल्ला,हुए दादु द्वारा आश्रम पहुंची ।जहां अग्निवीर ने बालाजी महाराज, गुरु महाराज का आशीर्वाद लेकर देश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की । गौरतलब की प्रतिभाशाली रामस्वरूप कुमावत स्कुली बास्केटबॉल टीम से 15 बार स्टेट खेल चुके हैं वहीं एक बार राजस्थान टीम से खेलते हुए अपने गांव का नाम रोशन किया है । *अग्निवीर ने युवाओं को मैसेज देते हुए बताया की पढ़ाई के साथ -साथ खेल को भी अपना जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए खेलों के माध्यम से अपने जीवन को चार चांद लगाया जा सकता है जहां एक और कॉम्पीटेशन के इस जमाने में सरकारी नौकरी पाना बड़ा मुश्किल माना जा रहा है वहीं खेलों के माध्यम से अनेकों सरकारी नौकरी आसानी से पायी जा सकती है कुमावत ने बताया की वो पढ़ाई में थोड़े कमजोर रहे मगर खेल का अपना मुख्य आधार बनाया उसी के माध्यम से आज वो अग्निवीर कहलाया ।*