*चुनावी महासंग्राम*
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*राजस्थान के बग़ावतियो की कांग्रेस में नो एंट्री*
❗ *आलाकमान के तीखे तेवर देख गहलोत खेमे में खलबली, अभी तक अटका है टिकट वितरण*❗
राजस्थान के रण में कांग्रेस पिछड़ती जा रही है। पहले ही सर्वे भाजपा को आगे मान रहे है, और अब भाजपा की दूसरी सूची तैयार है। लेकिन कांग्रेस में अभी भी मंथन जारी है। अन्य राज्यो की सूची जारी कर देने के बाद भी राजस्थान में पेंच फसा हुआ है।
60% मौजूदा विधायक हार रहे है, पर गहलोत उन्हें ही टिकट देने पर अड़े है। वे बगावती विधायको की जम कर पैरवी कर रहे है, पर आलाकमान एक साल पहले इस्तीफे देने वालो को बख्शने के मूड में नही दिख रहा।
राहुल गांधी राजस्थान में दुबारा बगावत की संभावना को जड़ से मिटाने पर आमादा है। उसके लिए *गहलोत को ही हाइकमान मानने वालों के टिकट काटना* आवश्यक माना जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने बयानों में भी राजस्थान में बीजेपी को मजबूत माना है, अतः गहलोत को मनमानी की छूट देने की स्थिति में वे फिलहाल नही दिखते।
इस बार टिकटों में पायलट की भी चलेगी और हाइकमान की भी।
सिर्फ गहलोत के भरोसे बैठे समर्थकों के माथे पर चिंता की लकीर है। कांग्रेस की पहली सूची आते ही हाहाकार मचेगा।😩😩 आलाकमान की बजाय गहलोत के प्रति वफादारी दिखाने वालों को पार्टी लाइन से बाहर जा कर काम करने का नुकसान होने का अनुमान है। मीडिया रिपोर्ट अनुसार धर्मेंद्र राठौर, महेश जोशी को तो स्पष्ट झटका भी दे दिया गया है। वैसे भी राठौर बाबा ने केसरी सिंह को आरपीएससी में नियुक्त करवा कर ताबूत में आखरी कील ठोक दी है।
युवा बेरोजगारों की नाराजगी इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा साबित होगी।
इसके अलावा भी कई नेता राहुल के राडार पर है। उनकी आलाकमान के प्रति निष्ठा को आंका जा रहा है। इसीलिए एक लाइन के प्रस्ताव पास कर सन्देश दिया जा रहा है।
राहुल गांधी के आत्मविश्वास भरे सख्त रुख को देखते हुए तय माना जा रहा है कि राजस्थान की कांग्रेस टिकट सूचिया चोकाएंगी।
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चुनावी समर है।
आगे आगे देखिए होता है क्या??