*ध्यान आत्मा की मूल अवस्था प्रोफेसर हेगड़े*
*आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय गांधीपुरी शाहपुरा के मीटिंग हॉल में ध्यान शिविर ओर संवाद कार्यक्रम आयोजित*
मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9530303019*
शाहपुरा शाहपुरा हार्टफुलनेस संस्था द्वारा दिनांक 23 जून 2024 शाम को 5.30 बजे आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय गांधीपुरी शाहपुरा के मीटिंग हॉल में ध्यान शिविर ओर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया
हार्टफूलनेस संस्था के हितेष शर्मा ने बताया की कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हार्टफुलनेस रिसर्च सेंटर
मैसूर के निदेशक प्रोफेसर मोहनदास हेगड़े और शाहपुरा नगर परिषद के सभापति रघुनंदन सोनी, प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय सहसंयोजक सत्यनारायण कुमावत, ब्रह्मकुमारी बहन संगीता, शंकरलाल तोषनीवाल , हार्टफुलनेस संस्था भीलवाड़ा के महावीर शर्मा और राजकुमार शर्मा के आतिथ्य में कार्यकम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का आरंभ भारत माता, मां सरस्वती एवं विवेकानंद के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण से हुआ , तत्पश्चात हार्टफुलनेस संस्था मथुरा से आई ऋचा शर्मा ने हार्टफूलनेस संस्था की प्रार्थना गाई ।
जिसके बाद सभी अतिथियों का स्वागत हार्टफुलनेस संस्था स्थानीय सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर उपरणा पहना कर किया।
अतिथियों का शाब्दिक स्वागत और परिचय योगेश लढा ने दिया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर मोहनदास हेगड़े ने हार्टफूलनेस के बारे में बताते हुए कहा कि
हार्टफुलनेस में, हम चार सरल चरणों का पालन करते हैं – आराम करें, ध्यान करें, तरोताज़ा हों और जुड़ें। अपने अंतरतम विचारों और भावनाओं का सामना करना शुरू में वाकई चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालाँकि, धीरे-धीरे, जैसे-जैसे आप अपनी आंतरिक दुनिया से परिचित होते जाते हैं, और किसी भी तरह की निराशा, तनाव और क्रोध को बाहर निकालना सीखते हैं, आपको पता चलने लगेगा कि ध्यान के कितने फ़ायदे हैं। इसे एक मानसिक व्यायामशाला की तरह समझें। फिर भी यह इतना शक्तिशाली है कि यह शरीर से तनाव और तनाव को दूर करता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और सांस को स्थिर करता है, जिससे आपको गहरा विश्राम महसूस होता है।
जीवन में ध्यान का बहुत महत्व है। ध्यान की अत्यंत सरल तकनीक हार्टफुलनेस है। आज के तनाव भरे जीवन में संतुलित जीवन के लिए इसका प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज दुनिया के 160 से भी ज्यादा देशों में लाखों लोग हार्टफुलनेस ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं, जो कि पूरी तरह से नि:शुल्क है।हार्टफुलनेस ध्यान के जरिए मन और हृदय को जोड़ने का प्रयास किया जाता है। इससे मन में आने वाले विचार धीरे-धीरे कम होने लगते हैं और दिमाग शांति का अनुभव करता है।
इस अवसर पर शाहपुरा नगर परिषद के सभापति रघुनंदन सोनी, प्रज्ञा प्रवाह के प्रांतीय सहसंयोजक सत्यनारायण कुमावत, ब्रह्मकुमारी बहन संगीता, शंकरलाल तोषनीवाल , हार्टफुलनेस संस्था भीलवाड़ा के महावीर शर्मा और राजकुमार शर्मा ने भी अपने अनुभव शेयर किए।
कार्यकर्म का संचालन हितेष शर्मा ने किया।
हार्टफुलनेस संस्था शाहपुरा द्वारा पिछले 15 सालो से शाहपुरा में ध्यान शिविर सभी शिक्षण संस्थाओं में लगाए जा रहे है और प्रत्येक रविवार को सुबह 7.30 बजे सामूहिक ध्यान फास्ट बालाजी के यहां आयोजित किया जाता है।
इस अवसर पर मदन लाल अग्रवाल, हरिशंकर सारस्वत, किशन बंजारा, दिनेश जाट, भागचंद जाट, सरोज राठौर, उमा राजगुरु, सावित्री दाधीच, गोपाल राजगुरु, गोपाल पंचोली, विजय सिंह नरूका, पवन बांगड़, बाल कृष्ण शर्मा, भवानी जीनगर, कैलाश गोठवाल, सुधीर शर्मा, राजेंद्र बोहरा , महावीर सैनी, आदित्य गोयल, इंदिरा धूपिया, अखिल व्यास, कैलाश सांगवान, नयन बाला सोमानी, उर्मिला पाराशर , मंजू बैली, देवेंद्र बेली, विवेक शर्मा, भवर लाल शर्मा, बद्री लाल कुमावत, मनोहर सिंह यादव, राधेश्याम झवर, कैलाश जड़ावत, राधेश्याम त्रिपाठी, देवेंद्र सर्वा, नामदेव छिपा, महावीर दीक्षित, श्यामसुंदर शर्मा, सहित सभी आध्यात्मिक प्रेमी उपस्थित रहे।