*कचरा खाती गायों की अब तो सुध लीजिए “गौ भक्त विधायक जी”…..*
*-सुशील चौहान-*
भीलवाड़ा. *गौ भक्ति का नारा* बुलंद कर *कमल पर जादुई बुलडोजर* चला चुके श्री कोठारी साब अब हमारे *माननीय विधायक* है। *”वादे” भी बड़े थे और “दावे” उससे भी ज्यादा*। भीलवाड़ा के लोगों ने भी भरोसा किया कि *गौ भक्त* है तो विधायक बन कर कम से कम भीलवाड़ा शहर में तो आवारा और बेतरतीब घूम कर कचरे में मुंह मारती गायों के लिए *कुछ प्लान* करेंगे और सड़कों पर मारा मारा फिरता गौ धन नहीं दिखेगा। लेकिन *कोठारी साब* के विधायक बनने और बाकायदा जन सुनवाई के ताम-झाम के बाद भी सड़कों पर गौ धन के हालात नहीं बदले है। सड़कों पर फेंके कचरे में भोजन तलाशी का दौर बदस्तूर जारी है। इनके द्वारा राह चलते लोगों को घायल करने का काम भी उसी गति से चल रहा है। इतने सारे सवालों के जवाब में कहीं विधायक साब ये न कहते दिखे कि *ये जिम्मा तो परिषद,का है*।
विधायक साब अब अफसरों को अपने घर बुलाकर *अपने दायें – बाएं* लोगों से अधिकारियों की *फीत* उतरवाने की बजाय। शहर में स्वच्छंद विचरण कर रही गायों ने जिन्होंने आपको विधानसभा का मुकुट पहनाया। उनका ध्यान करो। तभी आपका विधायक होना सार्थक होगा। क्यों कि इन *बेजुबान गायों और सीधे सादे मतदाताओं ने आपकी भक्ति को देखकर ही छोटे से समय में विधायक का ताज* पहना दिया। आफिस में अफसरों को बुलाकर चाय-नाश्ते करवाने की बजाय गायों से सम्बंधित अधिकारियों को उन स्थानों पर बुलाओ जहां गौ माता कचरे में पड़ी प्लास्टिक की थैलियों से अपना पेट भर रही हैं।
आप अपने उन नुमाइंदों जिन्होंने आपके लिए फूल को बुलडोजर से कुचला। गत दिनों शहर के नाले देखें, अस्पताल में गए। अस्पताल में तो आप कम और आपकी विधायकी के सहारे अपनी दुकान चला रहें हैं। लोग सफेद कोट वालों को लपका रहे थे। आप अस्पताल गए अच्छी बात हैं आपका अधिकार भी हैं और आपको जाना भी चाहिए। मगर हुआ कुछ नहीं अस्पताल की व्यवस्था *जस की तस* हैं।
आपने विधानसभा में गायों का मामला उठाया। अच्छी बात हैं। आपने कहा गाएं भूखी प्यासी घूम रही हैं। तो विधायक साब आपको *गौ भक्त विधायक* बने लगभग सात महीने हो गए। आपने आज दिन तक शहर में भूखी प्यासी घूम रही *कितनी* गौ माताओं को आप और अन्य संस्थाओं की ओर से संचालित की जा रही गौशालाओं में भिजवाया *?* नगर परिषद को निगम का दर्जा दिलवाकर आपने और सांसद महोदय ने अपनी कालर तो खड़ी कर सीना तान वाह वाह लूट ली, लेकिन परिषद की ओर संचालित काइन हाऊस में जाकर देखा तक नहीं और शहर में घूम रही गायों को काइन हाऊस में भेज उनके चेहरे पर *मुस्कान* लाने का प्रयास नहीं किया। बस उनके चेहरे पर मुस्कान हैं जो गायों के चेहरे पर मुस्कान लाने का दम भर अपनी दुकान चला रहें हैं।
आपने विधानसभा में एलिवेटेड और आरओबी का मामला उठाया आप बधाई के पात्र हैं। लेकिन अफसोस हैं आपके अधिकार क्षेत्र में आने वाले *नगर विकास न्यास से गुम हुई फाइलों* और एसीबी की जांच पर *मौन* रहे। यह तो आपके पड़ोस के विधायक का आपको *शुक्रिया अदा* करना चाहिए जिन्होंने *उदय होकर अपना *उग्र* रुप दिखाया और विधानसभा में न्यास का मामला उठाया।दस करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। हमारे गौ भक्त विधायक साब *… और भी कई “गम” हैं इस शहर में गायों के अलावा…*
– *स्वतंत्र पत्रकार*
– *पूर्व उप सम्पादक, राजस्थान पत्रिका, भीलवाड़ा*
– *वरिष्ठ उपाध्यक्ष,प्रेस क्लब, भीलवाड़ा*
– *sushil [email protected]*